युद्ध की अफवाहों के बीच कश्मीर में लोगों ने शुरू किया आवश्यक वस्तुओं का स्टॉक

   

श्रीनगर : भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की अफवाहों के बीच कश्मीर घाटी विशेषकर श्रीनगर में लोगों ने आवश्यक वस्तुओं और ईंधन का स्टॉक करना शुरू कर दिया है। इस बीच, नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से बात की और उनसे केंद्र की ओर से घाटी के लोगों को आश्वस्त करने के लिए एक बयान जारी करने का आग्रह किया। अफवाहों के फैलने के बाद ईंधन हासिल करने के लिए श्रीनगर शहर के पेट्रोल पंपों पर वाहनों की लंबी कतारें देखी गईं।

इस बीच, लोगों ने अफवाहों के मद्देनजर खाद्य और दवाओं सहित आवश्यक वस्तुओं का स्टॉक करना शुरू कर दिया है। केंद्र की ओर से घाटी में अर्धसैनिक बलों की 100 कंपनियों को भेजने के फैसले ने इस प्रकार की अफवाहों को एक प्रकार से बल प्रदान किया है।

स्थानीय निवासी अदनान अयूब ने कहा, ‘हमने युद्ध की अफवाहों के बाद प्याज, आलू, विभिन्न प्रकार की दाल और सूखा दूध सहित आवश्यक चीजें खरीदी हैं। मैंने अपने पिता की दवा का भी स्टॉक किया है।’

सोशल मीडिया पर एक पत्र भी प्रसारित किया जा रहा है जिसमें कश्मीर स्वास्थ्य सेवा के निदेशक ने घाटी के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को क्षेत्रीय ड्रग्स वेयर -जीएमसी बेमिना से ड्रग, दवाओं, सर्जिकल डिस्पोजेबल वस्तुओं की व्यवहार्य आपूर्ति एकत्र करने का निर्देश दिया है। इसी प्रकार के पत्र जम्मू के स्वास्थ्य सेवा के निदेशक की ओर से भी सोशल मीडिया पर प्रसारित किया जा रहा है। हालांकि, पत्रों की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं की जा सकी है।

नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष एवं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि एनसी अध्यक्ष (फारूक अब्दुल्ला) ने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को बाजारों में घबराहट और पेट्रोल पंपों के सूखने के बारे में जानकारी दी है और उन्हें बताया कि कैसे संभावित घटनाक्रम के बारे में अटकलें लगाने से पहले से ही तनावपूर्ण स्थिति और खराब हो गई है।

अब्दुल्ला ने माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर लिखा, ‘जेकेएनसी के अध्यक्ष ने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह साहब से बात की है ताकि उन्हें इस समय घाटी में व्याप्त आतंक की भावना के बारे में बताया जा सके। उन्होंने केंद्र सरकार से एक बयान जारी कर उचित कदम उठाने और लोगों को आश्वस्त करने का अनुरोध किया है।’

उन्होंने लिखा, ‘पेट्रोल पंपों पर होने वाली घबराहट के बारे में बताने के लिए एक निजी टच देना चाहता हूं। मेरी बहन अपनी कार में ईंधन डालने के लिए चार पंपों पर गई थी लेकिन चारों में से किसी पर भी एक बूंद तेल नहीं मिला। कुछ ऐसा ही श्रीनगर के लोगों को भी सामना करना पड़ रहा है।’

अब्दुल्ला ने कहा कि प्रशासन को घबराहट की इस भावना को कम करने के लिए कदम उठाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, ‘लोग चिंता से आहत हैं और कुछ टीवी समाचार चैनलों के जरिये भी ऐसी अटकलों काे हवा दी जा रही है। आशा है कि सरकार में कोई सुन रहा है।’ (वार्ता)