यूएपीए संशोधन बिल को शिकस्त दोः पॉपुलर फ्रंट के महासचिव ने राज्यसभा सांसदों को लिखा पत्र

   

पाॅपुलर फ्रंट आफ इंडिया के महासचिव एम. मुहम्मद अली जिन्ना ने राज्यसभा के सभी गैर-एनडीए सांसदों से लोकसभा में पारित यूएपीए संशोधन बिल के खिलाफ वोट डालकर बिल को शिकस्त देने का आग्रह किया है।

उन्होंने याद दिलाते हुए कहा कि राज्यसभा में गैर-एनडीए पार्टियों की बहुमत होने के बावजूद, विवादित एनआईए संशोधन बिल को पास करने की अनुमति देने की जो गलती उनसे हुई है वह दोबारा नहीं दोहराई जानी चाहिए। यह संदेश हर सांसद तक ई-मेल द्वारा व्यक्तिगत तौर पर भेजा गया है।

पूरा संदेश निम्नलिखित हैः

यह जानकर हमें बड़ी निराशा हो रही है कि गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम संशोधन बिल 2019, कल 24 जुलाई 2019 को लोकसभा में पास हो गया है। विपक्षी सांसदों की ओर से इस बिल के विरोध में कठोर प्रकार के प्रश्न उठाए गए, लेकिन केवल आठ सांसदों ने बिल के खिलाफ वोट दिया, जबकि बकिया अधिकतर लोगों ने वोट ही नहीं दिया। जैसा कि आप जानते हैं कि पिछले 5 सालों में विरोध के सभी लोकतांत्रिक तरीकों के खिलाफ केंद्र व राज्य सरकार ने यूएपीए का बहुत ज़्यादा दुरूपयोग किया है।

इसका इस्तेमाल मुसलमानों, दलितों और सरकार के खिलाफ आवाज़ उठाने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं के खिलाफ किया गया। मुस्लिम संगठनों को विशेष रूप से निशाना बनाया गया। इसलिए और अधिक ख़तरनाक प्रावधानों को बढ़ाकर इस कानून को अधिक कठोर बनाने की मौजूदा कोशिश बड़ी चिंता का विषय है।

एक सांप्रदायिक तथा भेदभावपूर्ण सरकार को किसी भी व्यक्ति को आतंकवादी कहने का अधिकार देकर उसे अधिक मज़बूत बनाना नागरिक आज़ादी के उल्लंघन के दरवाज़े खोलने जैसा है। जिसके परिणामस्वरूप यह कानून हमारे लोकतंत्र और आज़ादी व न्याय के संवैधानिक मूल्यों को तबाह कर देगा।

इसलिए इस बिल को कानून बनने से रोका जाना अत्यंत आवश्यक है। एनडीए के पास बहुमत नहीं है, इसलिए अगर सभी विपक्षी सांसद बिल के खिलाफ वोट डालें, तो राज्यसभा में इसको क़ानून बनने से रोका जा सकता है।

अतः पॉपुलर फ्रंट की ओर से अपने देश और जनता के हक में, मैं आप और राज्यसभा में आप की पार्टी के साथियों से विनम्रतापूर्वक आग्रह करता हूं कि आप बिल के खिलाफ वोट दें और बीजेपी सरकार की ख़तरनाक चाल को शिकस्त दें।