यूपी गठबंधन पर बोली कांग्रेस- ‘अकेले चुनाव लड़ने को तैयार’

,

   

सपा-बसपा के बीच 37 -37 सीट पर चुनाव लड़ने पर सहमति बनने के बाद उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने अकेले ही चुनाव लडऩे के संकेत दिए हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीएल पुनिया ने कहा कि उनकी पार्टी अकेले चुनाव लड़ने के लिए तैयार है।

उन्होंने कहा कि गठबंधन महत्वपूर्ण नहीं है। हमारे कार्यकर्ता चुनाव के लिए तैयार हैं। हमने गठबंधन के बारे में किसी से पहले भी कोई बात नहीं की थी। उल्लेखनीय है कि 16वीं लोकसभा में उत्तर प्रदेश से भाजपा के 68, सपा के 7, कांग्रेस और अपना दल के 2-2 तथा रालोद का एक सांसद है।

जानकारी मुताबिक आगामी लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की 80 सीटों पर सपा-बसपा के मिलकर चुनाव लडऩे पर सहमति बनने के बाद अब दोनों दलों का शीर्ष नेतृत्व अगले सप्ताह सीटों के बंटवारे पर अंतिम दौर का विचार मंथन करेगा।

सपा सूत्रों के अनुसार पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव 10 जनवरी के बाद बसपा प्रमुख मायावती के साथ अगले चरण की बैठक कर उन सीटों को चिन्हित करेंगे जिन पर दोनों दल अपने अपने उम्मीदवार उतारेंगे।

बता दें कि शुक्रवार को दिल्ली स्थित मायावती के आवास पर अखिलेश की लगभग ढाई घंटे तक चली बैठक में दोनों दलों द्वारा 37-37 सीटों पर चुनाव लड़ने पर सहमति बन गई है। 6 सीट कांग्रेस, रालोद और अन्य के लिए छोड़ी गई हैं।

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि शनिवार को अखिलेश ने लखनऊ रवाना होने से पहले पार्टी सांसद धर्मेंद्र यादव से मुलाकात कर सीटों के बटवारे पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि अखिलेश और मायावती की अगली बैठक 10 जनवरी के बाद प्रस्तावित है। यह बैठक लखनऊ या दिल्ली में हो सकती है।

उन्होंने बताया कि दोनों नेताओं के बीच मजबूत जनाधार वाले इलाके की सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारते पर भी सहमति बन गई है। इस आधार पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश की अधिकांश सीटों पर बसपा और पूर्वांचल में अधिकांश सीटों पर सपा के उम्मीदवार उतारने पर दोनों दल सहमत हैं। वहीं बुंदेलखंड की 4 में से 2-2 सीटों पर दोनों दल चुनाव लड़ेंगे।

अखिलेश मायावती मुलाकात को लेकर हालांकि आधिकारिक तौर पर सपा एवं बसपा में से किसी भी दल की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई है। सपा के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव ने अखिलेश और मायावती की मुलाकात से अनभिज्ञता जताते हुए कहा कि गठबंधन के बारे में अंतिम घोषणा अखिलेश और मायावती ही करेंगे।

यादव ने हालांकि प्रस्तावित सपा बसपा गठजोड़ में कांग्रेस को दरकिनार किए जाने को ‘काल्पनिक बात’ बताते हुए खारिज कर दिया। सपा और बसपा सूत्रों के मुताबिक 10 जनवरी के बाद अखिलेश और मायावती की प्रस्तावित बैठक में अगर सीटों का चयन हो जाता है तो 15 जनवरी को मायावती के जन्मदिन पर सपा-बसपा गठबंधन की औपचारिक घोषणा कर दी जाएगी।

साभार- ‘पंजाब केसरी’