यूपी में आरएसएस के स्कूल बनेंगे आइसोलेशन सेंटर, सेवक करेंगे कोविड मरीजों की मदद

   

लखनऊ, 21 अप्रैल । उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) द्वारा संचालित स्कूलों- सरस्वती शिशु मंदिरों और सरस्वती विद्या मंदिरों को जरूरत पड़ने पर आइसोलेशन सेंटर में तब्दील कर दिया जाएगा।

उत्तर प्रदेश क्षेत्र सेवा प्रमुख नवल किशोर ने कहा, हालांकि यूपी में स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन हमारे पास अपनी योजना तैयार है। विभिन्न प्रांतों को संबंधित क्षेत्रों की आवश्यकता के अनुसार संसाधनों के उपयोग की अनुमति देने के लिए कहा गया है।

आरएसएस की केंद्रीय इकाई ने हर प्रांत से दो नाम मांगे हैं जो देश में कोविड से स्थिति और बिगड़ने पर जरूरतमंदों को पूरी मदद देंगे।

इसके अलावा, प्रत्येक प्रांत के हर जिले में प्रमुख व्यक्तियों, जो आरएसएस के कार्यकर्ता हैं, से मदद के लिए संपर्क किया जा सकता है या जो अलगाव में रहते हुए चिकित्सा सहायता या भोजन की जरूरत वाले लोगों के लिए चीजें उपलब्ध कराएंगे।

प्रांत आरएसएस की प्रशासनिक इकाई है। देश में 45 प्रांत हैं और उत्तर प्रदेश में छह हैं। दूसरी ओर, क्षेत्र प्रशासन की एक बड़ी इकाई है। आरएसएस ने देश को 11 क्षेत्रों में विभाजित किया है और यूपी में दो क्षेत्र हैं- पूर्वी यूपी और पश्चिमी यूपी।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने विशेष रूप से ऐसे शहरों में भी समितियां गठित की हैं, जहां स्थिति गंभीर है। स्वयंसेवक के नाम से मशहूर आरएसएस के स्वयंसेवक महामारी के दौरान चिकित्सा सहायता और भोजन प्राप्त करने में लोगों की मदद कर रहे हैं।

सबसे अधिक जोर शीर्ष प्रशासनिक इकाई से जमीनी स्तर तक स्वयंसेवक की एक कड़ी विकसित करने पर है, ताकि जब भी जरूरत पड़े तो मशीनरी को तुरंत कार्रवाई में लगाया जा सके।

कार्यकर्ताओं की चेन को एक्टिव रखने के लिए फोन और ऑनलाइन माध्यम के जरिए लगातार बातचीत होती रहती है।

किशोर ने कहा, अब तक, हमने एलोपैथिक, आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक डॉक्टरों के समूह बनाए हैं, जिनसे लोगों द्वारा परामर्श के लिए संपर्क किया जा सकता है। उनके नंबर सोशल मीडिया पर प्रचारित किए गए हैं। हमने पूर्व में उनके शिविरों का आयोजन भी किया था। सही इलाज पाने के लिए लोगों की सबसे बड़ी जरूरत है।

आरएसएस कार्यकर्ता लोगों को बेड ढूंढने, अस्पतालों और टीकाकरण केंद्रों तक पहुंचने में मदद कर रहे हैं, खासकर वे लोग जो बूढ़े हैं और उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है।

मध्य प्रदेश और राजस्थान में कोविड-19 मरीजों को ठहराने के लिए इन स्कूलों को पहले ही आइसोलेशन सेंटर में तब्दील कर दिया गया है।

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