यूरोपीय देश मुस्लिम महिलाओं के सिर पर स्कार्फ़ और नमाज़ पढ़े जाने को सहन नहीं कर पा रहे हैं- हसन रुहानी

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इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति डाक्टर हसन रूहानी ने कहा कि अमरीकी नेता कहते थे कि ईरानी जनता क्रांति की चालीसवीं वर्षगांठ नहीं मना पाएगी लेकिन ईरानी राष्ट्र इस साल भी क्रांति की सफलता की वर्षगांठ सड़कों पर मनाएगी।

राष्ट्रपति रूहानी ने सोमवार की रात गुलिस्तान प्रान्त में अपने एक भाषण में कहा कि दुश्मन, ईरान की क्रांति की विजय नहीं चाहते थे और जब क्रांति सफल हो गयी तो उन्हें आशा थी कि वह कुछ महीनों में खत्म हो जाएगी और कहते थे कि छे महीने में क्रांति का अंत हो जाएगा और वह फिर से ईरान पर अपना वर्चस्व जमा लेंगे।

राष्ट्रपति ने कहा कि अमरीकी अधिकारियों ने कहा है कि ईरान अपनी क्रांति का चालीसवां जश्न नहीं मना सकेगा लेकिन वह 11 फरवरी को देखेंगे कि ईरानी जनता किस प्रकार से यह जश्न मनाने सड़क पर आती है और उन्हें कैसा ठोस जवाब देती है।

राष्ट्रपति हसन रुहानी ने अपने भाषण के एक अन्य भाण में कहा कि इस्लाम की वजह से ईरान पर ही नहीं बल्कि युरोप में भी इस्लाम की वजह से लोगों को दबाव का सामना है और आज़ादी का दावा करने वाला युरोप, एक मुसलमान महिला के सिर पर स्कार्फ और नमाज़ पढ़ने वालों को सहन नहीं कर सकता।

राष्ट्रपति रूहानी ने इस से पहले कहा था कि ईरानी राष्ट्र किसी भी दशा में अतिक्रमणकारियों और धौंस व धांधली के सामने सिर नहीं झुकाएगा और निश्चित रूप से संकल्प के युद्ध में ईरानी, अमरीकियों को हरा देंगे।

साभार- ‘parstoday.com’