योगी ने राम मंदिर को लेकर कहा जल्द मिलेगी खुशखबरी, अखिलेश ने किया ये सवाल..कैसे मालूम..

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समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा कथित रूप से अयोध्या मामले में बहुत जल्द ‘बड़ी खुशखबरी’ मिलने के दावे पर रविवार को सवाल उठाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को कैसे मालूम है कि अदालत में क्या होने वाला है? अखिलेश ने आज यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल पर कहा कि मुख्यमंत्री योगी अयोध्या मामले में जल्द ही बड़ी खुशखबरी मिलने की बात कर रहे हैं. आखिर उन्हें कैसे पता है कि क्या होने वाला है?

उन्होंने कहा, ‘भाजपा संविधान और देश के कानून पर कम भरोसा करती है. हमने हमेशा यही कहा कि अदालत जो फैसला लेगी उसे पूरा देश मानेगा. सवाल यह है कि एक अखबार को कैसे वो चीजें पता हैं? मुख्यमंत्री को कैसे पता है कि क्या होने वाला है?’

मुख्यमंत्री योगी ने ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ जी महाराज की स्मृति में गोरखपुर के चम्पादेवी पार्क, तारामंडल में आयोजित रामकथा की शनिवार को शुरुआत करते हुए राम मंदिर मुद्दे की तरफ इशारा करते हुए कोई नाम लिए बिना कहा था कि बहुत जल्द ‘बड़ी खुशखबरी’ मिलने वाली है.

अखिलेश ने प्रदेश सरकार पर डीजे बजाने के कारोबार से जुड़े एक करोड़ लोगों को बेरोजगार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांवड़ यात्रा और अन्य धार्मिक आयोजनों में डीजे पर कोई प्रतिबंध न होने का दावा करने वाले मुख्यमंत्री योगी की सरकार ने डीजे पर पाबंदी लगा दी है.

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इलाहाबाद डीजे वेलफेयर एसोसिएशन के लोगों ने कल उनसे मुलाकात की थी. वे सरकार की शिकायत करना चाहते हैं. यूपी में इस कारोबार से लगभग एक करोड़ लोग जुड़े हैं. उन्हें सरकार ने बेरोजगार कर दिया है.

अखिलेश ने कहा कि देश को आजाद कराने वाले लोगों ने संकल्प लिया था कि हम विदेशी चीजों को नहीं अपनाएंगे. मगर सरकार तो निजीकरण में ही लगी हुई है. यह तो शुरुआती निजीकरण है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘अभी देखिए क्या-क्या होगा. दलितों को नौकरी और रोजगार के मौकों से दूर कर दिया जाएगा.’

पूर्व मुख्यमंत्री ने महात्मा गांधी की 150वीं जयन्ती पर आयोजित विधानमण्डल के 36 घंटे के अनवरत सत्र पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार ने इस दौरान सदन में विभिन्न विकास परियोजनाओं को लेकर तमाम झूठ बोले हैं. उन्होंने कहा कि आज आलम यह है कि नीति आयोग की रैंकिंग के मुताबिक उत्तर प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में सबसे नीचे और कुपोषण के मामले में नंबर एक पर पहुंच गया है.