चीन मुसलमानों के वजूद को पुरी तरह खत्म कर रहा है। मुसलमानों पर हो रहे जुल्म का इतिहास बताता है कि चीन अपने देश से इस्लाम को मानने वाले लोगों के वजूद को मिटा रहा है।
जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, शिनजियांग प्रांत की जेल में दो महीने कैद में समय बिताने वाले ओमिर बेकाली ने कहा कि चीन में चल रहे इन शिविरों का मुख्य उद्देश्य लोगों की धार्मिक सोच खत्म कर देना है। इस्लाम में सूअर खाने की सख्त मनाही है।
China putting minority Muslims in 'concentration camps,' U.S. says https://t.co/b3VfUo3WBY pic.twitter.com/K54fuefSkQ
— Reuters (@Reuters) May 3, 2019
चीन के इन शिविरों में मुसलमानों को शुक्रवार के दिन सूअर खाने को विवश किया जाता है, जबकि यह दिन इस्लाम मानने वालों के लिए सबसे हराम और अपवित्र है। ओमिर ने बताया कि नमाज अदा करने और दाढ़ी बढ़ाने वालों को भी ये लोग कट्टरवादी कहकर हिरासत में बंद कर देते हैं।
The Pentagon says China is keeping 3 million Muslims in concentration camps.
But Mike Pompeo says there are "up to" 1 million in "reeducation camps."
When asked about the discrepancy in these details, he tells @margbrennan: "Don't play ticky tack" https://t.co/JBJwgNggDM pic.twitter.com/c1P5lLg06a— CBS News (@CBSNews) May 5, 2019
बंधकों को अपनी स्थानीय भाषा बोलने की भी आजादी नहीं है। कैदियों को स्टुडेंट कहकर बुलाने वाले अधिकारी सहित सारे लोग सिर्फ चीनी भाषा इस्तेमाल करते हैं। ओमिर उन गिने-चुने लोगों में से हैं जो चीन की इन शिविरों से अभी तक बाहर निकल पाए हैं।
चीन में राष्ट्रपति शी चिनफिंग के नेतृत्व में उइगर मुस्लिम बहुल शिनजियांग प्रांत किसी छावनी में तब्दील कर दिया गया है। गली-चौराहों पर सख्त निगरानी के लिए कैमरे लगाए गए हैं। हर आने-जाने वाले पर नजर रखी जाती है। उइगर समुदाय का कहना है कि कम्युनिस्ट पार्टी ने उनके घरों के अंदर भी नजर रखनी शुरू कर दी है।
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एमनेस्टी और मानवाधिकार वाच समेत कई मानवधिकार संगठनों का दावा है कि इन शिविरों में जबरन चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की वफादारी की कसम दिलवाई जाती है।
विश्व उइगर कांग्रेस का कहना है कि शिविरों में बिना आरोप बंदी बनाकर रखा जाता है और जबरन कम्युनिस्ट पार्टी के नारे लगाने को कहा जाता है। हालांकि चीन ने इन आरोपों से इनकार किया है।