रमज़ान- लॉकडाउन के चलते महंगी बिक रही हैं खजूर

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लॉकडाउन का असर रमजान माह पर भारी पड़ेगा। रोजेदारों को इस बार खजूर नहीं मिल सकेंगे। जबकि खजूर से रोजा इफ्तार करना मुस्लिम धर्म में सुन्नत माना जाता है। इस बार सऊदी ,ईरान, इराक और दूसरे देशों से खजूर नहीं आ सका। रोजेदारों को इफ्तारी के लिए खजूर को लेकर चिंता सता रही है।

रोजेदारों को सऊदी के खजूर सर्वाधिक पसंद है । लॉकडॉउन के चलते यह खजूर नहीं मिल पा रहे हैं। दिल्ली आजादपुर मंडी में फलों के विक्रेता बाबर कुरैशी ने बताया कि खजूर का पूरा माल दिल्ली और अन्य स्थानों से देश भर के शहरों में जाता है। दिल्ली से आखिरी गाड़ी गत 23 मार्च को आई थी। इसके बाद कोई खजूर नहीं आया है । अब माल नहीं आने के कारण इस बार रोजेदारों को खजूर मिलना मुश्किल है। फरत, किविया, इराकी खजूर, अजवा, जहिदी खजूर की मांग ज्यादा रहती है लेकिन आपूर्ति नहीं होने के कारण इस बार शायद खजूर ने मिल सके । रटौल निवासी फल विक्रेता मुकीम काजी का भी कहना है कि लॉकडाउन के कारण खजूर नहीं आ रहा है । जिसके कारण इस बार रमजान में रोजेदारों को खजूर नहीं मिल सकेगा।

कुरान में किया गया खजूर का जिक्र

इस्लामी जानकारों के मुताबिक इस्लाम धर्म में खजूर का बहुत महत्व है । मान्यता है कि पैगंबर मोहम्मद साहब अपना रोजा खजूर से ही खोला करते थे। इस्लामिक में किताबों में भी इस बात का जिक्र किया गया है। मौलाना मारफत ने बताया कि खजूर के बारे में फरमाया गया है कि आप जो रोजा रखते हैं अपना रोजा खजूर से ही खोलें अगर खजूर न हो, तो पानी से भी खोल सकते हैं । खजूर और पानी से रोजा खोलना सबाब माना जाता है। इसके अलावा कुरान में भी कई बार खजूर का जिक्र किया गया है।