नई दिल्ली/जयपुर, 14 अगस्त । कांग्रेस ने राजस्थान में अपने विधायकों को कड़ा संदेश देने की कोशिश की है। कांग्रेस ने अपने संदेश में पार्टी का स्थान सर्वप्रथम बताते हुए किसी को भी मीडिया में कोई बयान, साक्षात्कार देने की मनाही की है।
कांग्रेस विधायक दल की बैठक गुरुवार को मुख्यमंत्री निवास पर बुलाई गई थी। बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट भी मौजूद थे।
कांग्रेस महासचिव (संगठन) के.सी. वेणुगोपाल ने एक वीडियो में कहा कि पिछले 30 दिनों के बुरे सपने को भूल जाओ और राजस्थान के लोगों के लिए मिलकर काम करो। हमने बहुत पोस्टमार्टम किए हैं, लेकिन अब से कोई शब्द, कोई साक्षात्कार और कोई बयान नहीं है। यह संदेश कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी का है। उन्होंने मुझे यह बताने के लिए कहा।
वेणुगोपाल ने कहा कि पार्टी का स्थान सबसे पहले है और अगर पार्टी नहीं है तो कोई भी नहीं होगा, इसलिए सभी को एकता के साथ काम करना होगा। यह एकता का समय है और हर किसी को एक साथ काम करना चाहिए।
उन्होंने कोविड प्रबंधन के प्रति राज्य सरकार के कार्य की भी प्रशंसा की।
बैठक में गहलोत ने बीती बात को भुलाने का आह्वान करते हुए कहा, अपने तो अपने होते हैं। हम इन 19 विधायकों के बिना भी सदन के पटल पर बहुमत साबित कर सकते थे, लेकिन तब चारों ओर खुशी नजर नहीं आएगी।
गहलोत ने आगे कहा, हम खुद ही अविश्वास प्रस्ताव को आगे बढ़ाएंगे। हम अपने उन विधायकों की शिकायतों को भी हल करेंगे जो हमसे नाराज हैं।
वहीं भाजपा ने गुरुवार को घोषणा की कि वह विशेष विधानसभा सत्र शुरू होने पर गहलोत सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी।
बैठक में मौजूद वेणुगोपाल ने ट्वीट किया, सच्चाई और अखंडता का कोई विकल्प नहीं है। दोस्ती और विचारधारा के बंधन अटूट हैं, वे समय की कसौटी पर खरे उतरेंगे और पार्टी को फिर से मजबूत करेंगे। माननीया कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी जी के निर्देशन और नेतृत्व ने इस बंधन को और मजबूत किया।
वहीं दिन की शुरुआत में दो विधायकों, भंवरलाल शर्मा और विश्वेंद्र सिंह, जिन्होंने पायलट खेमे के प्रति वफादारी की प्रतिज्ञा ली थी, उन्हें निलंबित कर दिया गया। सरकार को गिराने के लिए कथित खरीद-फरोख्त के आरोप के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया।
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