राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर का प्रतिनिधित्व फिलहाल समाप्ति की ओर

   

नई दिल्ली, 7 फरवरी । जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद सहित पूर्ववर्ती राज्य से चार सदस्यों की सेवानिवृत्ति के बाद राज्यसभा में इसका प्रतिनिधित्व समाप्त हो जाएगा।

दो पीडीपी राज्यसभा सांसदों-नजीर अहमद लावे और मीर मोहम्मद फैयाज का कार्यकाल क्रमश: 10 और 15 फरवरी को समाप्त हो जाएगा, जबकि आजाद का कार्यकाल 15 फरवरी को और भाजपा के शमशेर सिंह मन्हास का कार्यकाल 10 फरवरी को समाप्त होगा।

तत्कालीन राज्य की विधानसभा को भंग कर दिया गया था, इसलिए यह उच्च सदन के लिए नए सदस्यों का चुनाव नहीं कर सकता। धारा 370 को हटाने और जम्मू-कश्मीर के दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजन के बाद, विधानसभा चुनाव नहीं हुआ है और नई विधानसभा के लागू होने के बाद ही जम्मू-कश्मीर सदस्यों को राज्यसभा भेज सकता है।

केंद्रशासित प्रदेश में राजनीतिक दल चुनाव और राज्य की बहाली की मांग कर रहे हैं।

धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष आजाद ने कहा कि दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कभी भी राज्य के विभाजन का पक्ष नहीं लिया था, लेकिन मोदी सरकार ने ऐसा किया है और इसे केंद्रशासित प्रदेश में बदल दिया है।

आजाद ने कहा, मैं प्रधानमंत्री से जम्मू-कश्मीर की स्थिति बहाल करने और चुनाव कराने का अनुरोध करता हूं।

उन्होंने कहा, जब राज्य सरकार थी, तब बहुत विकास हुआ था, आतंकवाद की घटना कम होती थी और कानून व्यवस्था बेहतर थी।

आजाद ने हालांकि जम्मू-कश्मीर में जिला विकास परिषद (डीडीसी) के चुनाव कराने के लिए सरकार को बधाई दी। कांग्रेस नेता ने दावा किया कि धारा 370 के खत्म होने से लोग नाखुश हैं।

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