नई दिल्ली, 23 जून । राशन की होम डिलीवरी योजना रोकने के लिए केंद्र ने दिल्ली सरकार को पत्र भेजे हैं। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को यह जानकारी दी। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पीडीएस राशन के वितरण का अधिकार राज्य सरकारों के पास है, इसके बावजूद केंद्र सरकार लगातार इसमें हस्तक्षेप कर रही है।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि साफ नियत न होने के कारण केंद्र सरकार जनता के घरों तक राशन की होम डिलीवरी नहीं करने देना चाहती है। केंद्र का काम अब केवल राज्यों के साथ झगड़ा करने का रह गया है और वे देश चलाना भूल गए हैं।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि मंगलवार को दिल्ली सरकार को केंद्र सरकार की तरफ से पत्र मिला। इस पत्र में यह लिखा है कि दिल्ली सरकार की घर-घर राशन पहुंचाने की योजना के प्रस्ताव को अस्वीकार किया जाता है, जबकि दिल्ली सरकार ने केंद्र को कोई प्रस्ताव ही नहीं भेजा है।
दिल्ली सरकार के मुताबिक पत्र में केंद्र सरकार ने आपत्ति जताते हुए कहा है कि, जहां राशन पहुंचाना है, वो पता ठीक है, कैसे पता चलेगा। जिन लोगों को राशन देना है, वो पतली गलियों में रहते हैं, तो पतली गलियों में कैसे राशन पहुंचेगा। कई लोग मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में रहते हैं, वहां कैसे पहुंचेगा। अगर एड्रेस चेंज हो गया, तब कैसे पहुंचेगा राशन। राशन वाली गाड़ी खराब हो गई, तो कैसे पहुंचेगा। राशन वाली गाड़ी यदि ट्रैफिक में फंस गई, तो कैसे पहुंचेगा राशन। राशन की कीमत क्या होगी।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने इसपर कहा, केंद्र की चिट्ठी आई है। बेहद पीड़ा हुई। इस किस्म के कारण देकर घर- घर राशन योजना खारिज कर दी कि राशन गाड़ी ट्रैफिक में फंस गई या खराब हो गई, तो तीसरी मंजि़ल तक राशन कैसे जाएगा। 21वीं सदी का भारत चांद पर पहुंच गया, आप तीसरी मंजि़ल पर अटक गए। संकरी गली में राशन कैसे जाएगा। हर वक्त हर किसी से झगड़ा सही नहीं, ट्विटर, लक्षद्वीप, ममता दीदी, महाराष्ट्र, झारखंड, दिल्ली सरकार, किसानों, व्यापारियों, पश्चिम बंगाल के चीफ सेक्रेटेरी तक से झगड़ा। इतना झगड़ा, हर वक्त राजनीति से देश आगे कैसे बढ़ेगा। घर-घर राशन योजना राष्ट्रहित में है। इस पर झगड़ा मत कीजिए।
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