रोहिंग्या मुसलमानों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहा है!

,

   

बालुखाली: म्यांमार में हुए अत्याचारों के बाद पड़ोसी देश बांग्लादेश में शरण लिए हुए रोहिंग्याओं की दिक्कतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। कभी वे बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं तो कभी मौसम उनका दुश्मन बन रहा है।

ताजा रिपोर्ट्स के मुतबिक, दक्षिण-पूर्वी बांग्लादेश स्थित रोहिंग्या शरणार्थी शिविरों में अप्रैल से हो रही मॉनसूनी वर्षा से हजारों अस्थाई आश्रय नष्ट हो गए हैं। अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, बारिश के चलते अभी तक कम से कम 10 व्यक्तियों की मौत हुई है।

इंडिया टीवी न्यूज़ डॉट कॉम के अनुसार, बांग्लोदश के मौसम विभाग ने कहा है कि कॉक्स बाजार जिले में 2 जुलाई से कम से कम 58.5 सेमी वर्षा हुई है। म्यांमार में सैन्य कार्रवाई के बाद वहां से भागकर आए करीब 10 लाख रोहिंग्या मुस्लिम इस जिले में रहते हैं।

इंटरनेशनल आर्गेनाइजेशन फॉर माइग्रेशन (IOM) की एक प्रवक्ता ने कहा कि भारी वर्षा से शरणार्थी शिविरों में मिट्टी धंसने से तिरपाल और बांस से बने 4,889 अस्थाई आश्रय नष्ट हो गए। UN की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल से इन शिविरों में 200 से अधिक बार भूस्खलन हुआ है जिनका निर्माण म्यांमार से लगती सीमा के पास हुआ है।

भीषण बारिश से संबंधित घटनाओं में कम से कम 10 व्यक्तियों की मौत हुई है। पिछले सप्ताह ही भारी वर्षा के चलते दो रोहिेंग्याओं की मौत हो गई थी और 6,000 रोहिंग्या बिना आश्रय के हो गए।

विस्थापित शरणार्थी नुरुन जान ने कहा कि वह बहुत परेशान है क्योंकि वर्षा से शिविरों में दैनिक गतिविधियां प्रभावित होती हैं। विश्व खाद्य कार्यक्रम की प्रवक्ता जी स्नोडोन ने कहा कि मानसून को देखते हुए उन्हें शिविरों के लिए सहायता बढ़ानी पड़ी है।