यूपी पुलिस सिपाही भर्ती 2013 के 11786 सफल अभ्यर्थियों का धैर्य की सीमा अब टूट रही है। आक्रोशित छात्रों ने युवा-हल्लाबोल के बैनर तले राजधानी लखनऊ स्थित भर्ती बोर्ड के मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया।
हज़ारों की संख्या में इक्कठा हुए युवाओं ने घोषणा किया कि जब तक नियुक्ति नहीं दी जाती वो बोर्ड मुख्यालय पर ही धरना देंगे। धरने में प्रदेशभर से युवा-युवती मौजूद हुए जिन्होंने इस संघर्ष को निर्णायक मौक़ाम पर लेजाने का फैसला लिया। कई महिला अभियार्थी अपने बच्चो के साथ धरने में मौजूद थी।
प्रदर्शनरत छात्रों को संबोधित करते हुए युवा-हल्लाबोल के गोविंद मिश्रा ने कहा, “यह देश के सिस्टम का भद्दा मजाक है कि 2013 में शुरू हुई भर्ती प्रक्रिया 2019 में भी पूरी नहीं हुई है। आज भी 11786 सफल अभ्यर्थी अपनी नियुक्ति के लिए दर दर भटक रहे हैं। नेता, अधिकारी और वकीलों के चक्कर काट काटकर थक गए हैं। न्याय के बदले अब तक सिर्फ झूठा आश्वाशन और धोखा ही मिला है सफल अभ्यर्थियों को। यहाँ तक कि सरकार ने कोर्ट के फैसले की भी अवमानना कर दी लेकिन छात्रों के साथ न्याय नहीं किया। पर अब धैर्य की सीमा टूट रही है। अब हमें जब तक नियुक्ति नहीं दी जाती हज़ारों छात्र यहीं धरने पर बैठेंगे।”
युवा-हल्लाबोल आंदोलन से जुड़े हुए युवा शक्ति संगठन के गौरव सिंह ने कहा, “यह सरकार सिर्फ मौखिक आश्वाशन से चल रही है, प्रदेश में भय और भूख का माहौल है, बेरोज़गार छात्रों के साथ सिर्फ नाइंसाफी हो रही है। इसलिए हम तक धरने पर बैठे रहेंगे जब तक कि कि छात्रों के साथ न्याय नहीं हो जाता।”
यूथ फॉर स्वराज के पुष्कर पाल ने कहा, “देशभर में भर्ती प्रक्रियाओं में इसी देरी को सुधारने के लिए युवा-हल्लाबोल ने एक ‘फेयर एग्जाम कोड’ का प्रस्ताव सरकार को दिया है, जिसपर सरकार की ओर से अब तक कोई जवाब नहीं आया है।”
ज्ञात हो कि युवा-हल्लाबोल बेरोज़गारी संकट के ख़िलाफ़ चल रहा एक देशव्यापी आंदोलन है और युवाओं के हक़ की लड़ाई में अग्रणी भूमिका निभाता रहा है।