प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोरोना वायरस संकट से बचने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के दूसरे ही दिन देशभर से पुलिस द्वारा लोगों के साथ गलत व्यवहार करने के वीडियो सामने आ रहे हैं. ऐसा ही एक वीडियो उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले से सामने आया है. इस वीडियो में पुलिस कर्मियों द्वारा पीठ पर बैग बांधे कुछ युवकों को सड़क पर बैठ-बैठ कर चलने के लिए मजबूर किया जा रहा है.
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो वीडियो में जो युवक दिख रहे हैं, वे मजदूर हैं और लॉकडाउन के बीच अपने घर लौट रहे हैं. बताया जाता है कि यातायात का कोई साधन न होने के कारण वे पैदल ही घर पहुंचने के लिए निकले हैं और रास्ते में पुलिस उन्हें पकड़ लेती है. पुलिस उनकी दलील सुनने की जगह उनको दंडित करती है और गर्मी में सड़क पर बैठकर चलने को मजबूर करती है.
This is shameful ,@budaunpolice . Instead of offering water, some solace to these migrant workers returning home amid the #Lockdown21 , your men are punishing them like this ? What is their fault if their factory owners are kicking them out ? @upcoprahul please intervene ! pic.twitter.com/nyFZgQwtoD
— Alok Pandey (@alok_pandey) March 26, 2020
सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल होने के बाद बदायूं पुलिस प्रमुख एके त्रिपाठी ने माफी मांगी है. उन्होंने इस मामले पर कहा, ‘वीडियो में जो पुलिसकर्मी (सजा देता) दिख रहा है, वह एक प्रोबेश्नर है, उसको साल भर का तजुर्बा है. सीनियर अफसर भी वहां मौजूद थे, लेकिन वे अन्य वाहनों को चेक कर रहे थे. पुलिस का मुखिया होने के नाते मैं इसके लिए माफी मांगता हूं. जो हुआ उसके लिए शर्मिंदा हूं. मामले की जांच एसपी सिटी को दे दी गयी है. जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर कार्रवाई की जायेगी.’