लोकसभा चुनाव: बीजेपी के दिग्गज नेताओं की बिमारी, क्या भाजपा पर पड़ेगा असर?

,

   

आम चुनाव से ठीक पहले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह समेत पार्टी के शीर्ष नेताओं की अस्वस्थता चुनावी तैयारियों पर असर डाल रही है। आम चुनाव में पार्टी की रणनीति तैयार करने वाली अहम समितियों का काम अधूरा पड़ा है।

शाह के अलावा प्रचार समिति के मुखिया अरुण जेटली, मीडिया कमेटी की जिम्मेदारी संभाल रहे रविशंकर प्रसाद और संस्थाओं से संपर्क के लिए बनी समिति के अध्यक्ष नितिन गडकरी अस्वस्थ हैं।

पार्टी के लिए सबसे बड़ी चिंता शाह की अस्वस्थता है। दरअसल, उन्हें ही सभी समितियों के कामों पर अंतिम मुहर लगानी थी। यात्रा की इजाजत न मिलने पर प. बंगाल में रैलियों के जरिए चुनावी बिगुल बजाना था।

एक हफ्ते के अंदर तमिलनाडु सहित कुछ अन्य दक्षिणी राज्यों में गठबंधन की गुत्थी सुलझानी थी तो उत्तर प्रदेश में नाराज सहयोगियों अपना दल और सुहेलदेव पार्टी को भी मनाना था। अब एम्स से छुट्टी मिली भी तो शाह को कम से कम दो हफ्ते एकांत में रहना होगा।

इलाज के लिए अमेरिका गए जेटली को लौटने में दो हफ्ते लग सकते हैं। कयास यहां तक हैं कि वे एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश नहीं करेंगे। केंद्रीय मंत्री प्रसाद को भी एक हफ्ते बेड रेस्ट पर रहना होगा तो, शुगर लेबल बढ़ने के कारण मुंबई में मंच पर बेहोश हुए गडकरी भी स्वस्थ नहीं हैं।

जेटली के न होने से प्रचार समिति की पहली दो बैठकों में चुनावी थीम और मुख्य नारा तय नहीं हो सका। बीते बुधवार को होने वाली कमेटी की बैठक शाह की अस्वस्थता के कारण टालनी पड़ी। इसी महीने गठित 17 कमेटियों को आम चुनाव के लिए रोडमैप तैयार कर लेना था।

स्वास्थ्य संबंधी कारणों से विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पहले ही चुनाव न लड़ने की घोषणा कर चुकी हैं। वहीं, राजग का दलित चेहरा रामविलास पासवान भी सेहत का हवाला देकर राज्यसभा जाने का मन बना चुके हैं।

आम चुनाव में पासवान की भूमिका बेटे चिराग पासवान के संसदीय क्षेत्र तक सीमित होगी। चिराग पिता की परंपरागत सीट हाजीपुर से मैदान में उतरेंगे।

साभार- ‘अमर उजाला’