लोकसभा : सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु के लिए 5 लाख रुपये के मुआवजे का प्रस्ताव

   

नई दिल्ली : मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक, 2019, सोमवार को लोकसभा में पारित किया गया जिसमें मोटर वाहन दुर्घटना में मृत्यु के लिए 5 लाख रुपये और गंभीर चोट के लिए 2.5 लाख रुपये का मुआवजा देने का प्रस्ताव है। सड़क परिवहन राज्य मंत्री वी के सिंह द्वारा पेश किया गया विधेयक, उल्लंघन के लिए बढ़े हुए दंड को निर्धारित करता है, ऑनलाइन लर्निंग लाइसेंस प्रदान करने की सुविधा देता है, बीमा प्रक्रियाओं को सरल करता है और दुर्घटना पीड़ितों के बचाव में आने वालों की सुरक्षा करता है। परिवहन लाइसेंस के नवीनीकरण की अवधि को तीन वर्ष से बढ़ाकर पांच वर्ष किया जाएगा। लाइसेंसिंग प्राधिकरण को अलग-अलग-अलग-अलग व्यक्तियों को भी लाइसेंस देने का अधिकार होगा।

कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी और तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय और मोहुआ मोइत्रा सहित कई सदस्यों की ओर से विधेयक के खिलाफ आपत्तियों के जवाब में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि केंद्र सरकार का राज्यों के अधिकारों को छीनने का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा कि कानून राज्यों पर बाध्यकारी नहीं है।

गडकरी ने कहा कि विधेयक की संसदीय स्थायी समिति और एक चयन समिति ने जांच की है। उन्होंने कहा कि पिछली लोकसभा ने इसे पारित कर दिया था, लेकिन राज्यसभा से मंजूरी नहीं मिल सकी। गडकरी ने कहा कि कानून 18 राज्यों के परिवहन मंत्रियों द्वारा चर्चा और सिफारिशों के बाद तैयार किया गया था। वह सभी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार थे और सदस्यों को या तो उन्हें आश्वस्त करना चाहिए या आश्वस्त होना चाहिए कि क्या उनके पास विधेयक के बारे में कोई आरक्षण है। मंत्री ने सदन को कानून पारित करने का आह्वान किया, जो उन्होंने कहा, मानव जीवन को बचाने के उद्देश्य से किया गया है।

विधेयक की अन्य बड़ी बातें
अगर कोई व्यक्ति दुर्घटना में घायल को उपचार के लिए नजदीकी अस्पताल पहुंचाता है और इस दौरान घायल की मृत्यु हो जाती है तो उस व्यक्ति पर किसी भी तरह का मामला नहीं चलेगा।
विधेयक में प्रावधान किया गया है कि सिर्फ चार साल से अधिक उम्र के बच्चों और व्यक्तियों को मोटरसाइकिल सहित दोपहिया वाहन की सवारी करते समय हेलमेट पहनने की आवश्यकता होगी।
विधेयक के कानून का रूप लेने पर दिव्यांगों को भी लाइसेंस जारी किया जा सकेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के इरादे से विधेयक में परमिट से संबंधित प्रावधानों को उदार बनाया गया है।
रोड सेफ्टी की इलेक्ट्रॉनिक निगरानी सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकारों को स्पीड कैमरा, सीसीटीवी, स्पीड गन और बॉडी बियरेबल कैमरा जैसी तकनीक का इस्तेमाल करने को कहा गया है।