वक्फ़ बोर्ड में फर्जीवाड़ा को लेकर वसीम रिज़वी पर केस दर्ज!

   

सांसद आजम खां की मुश्किलें कम नहीं हो पा रही हैं। अब उनके खिलाफ अभिलेखों में गड़बड़ी कर शत्रु संपत्ति को वक्फ की जममें दर्शाने के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ है।

इस मुकदमे में आजम खां की पत्नी राज्यसभा सदस्य डॉ. तजीन फात्मा, उनके पुत्र विधायक अब्दुल्ला आजम, शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी समेत नौ लोगों को आरोपी बनाया गया है।

मामला ग्राम सींगनखेड़ा का है। यहां इमामुद्दीन कुरैशी के नाम से कुछ जमीन थी, लेकिन बंटवारे के वक्त वह पाकिस्तान चले गए और वहां की नागरिकता ले ली।

इसके बाद उनकी जमीन को शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया गया, जो अभिलेखों में दर्ज है। जमीन के 45 गाटे और 13.842 हेक्टेयर रकबा है। आरोप है कि जमीन को लेकर आजम खां ने उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री रहते हुए फर्जी दस्तावेज तैयार कराकर गलत तरीके से जौहर यूनिवर्सिटी में मिला ली।

अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, बोर्ड के तत्कालीन सदस्यों, अधिकारियों और कर्मचारियों ने मिलीभगत कर इस कार्य को अंजाम दिया। फर्जी दस्तावेजों के सहारे सपंत्ति को वक्फ की दर्शाकर फर्जी शासनादेश के जरिए निशुल्क हासिल कर लिया।

इसको लेकर मुंबई निवासी अल्लामा जमीर नकवी ने डीजीपी से शिकायत की, इसके बाद डीजीपी ने 15 दिन में कार्रवाई कर रिपोर्ट तलब कर ली।

अल्लामा जमीर नकवी की तहरीर पर अजीम नगर थाने की पुलिस ने सांसद आजम खां, राज्यसभा सदस्य डॉ. तजीन फात्मा, स्वार-टांडा के विधायक अब्दुल्ला आजम खां, शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी, मजहर अली खां, सैय्यद गुलामुस सय्यदैन, रहमत हुसैन जैदी, मुतवल्ली मसूद खां, जफर फारूखी के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471, 447, 409, 201, 120 बी और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की धारा तीन के तहत रिपोर्ट दर्ज कर ली है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।