वारिस पठान का बयान पर उलमा ने जताया कड़ा एतराज़

,

   

सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलीमीन (एआइएमआइएम) के नेता वारिस पठान के विवादित बयान पर उलमा ने कड़ा एतराज जताया है। उलमा का कहना है कि वारिस पठान हों या फिर कोई और नेता राजनीति की खातिर इस तरह की जहरीली जुबान का इस्तेमाल कर वह मुल्क के अमनो अमान को बरबाद करना चाहते हैं। वारिस पठान को अपना बयान वापस लेकर देश से माफी मांगनी चाहिए।

शुक्रवार को वारिस पठान के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए इत्तेहाद उलमा-ए-हिंद के उपाध्यक्ष मौलाना मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि वारिस पठान हों या फिर किसी दूसरे दल के नेता उन्हें मुल्क में नफरत फैलाने वाले, अमनो अमान को बरबाद करने वाले और आपसी भाईचारे को समाप्त करने वाले जहरीले बयान देने से बाज आना चाहिए। देश में सबसे ज्यादा जरूरत आपसी भाईचारे को मजबूत करने की है जिसके लिए सभी को कोशिशें करनी चाहिए। मुफ्ती असद ने कहा कि इस तरह नफरत फैलाने वाले बयान देने के लिए नेता देश और नागरिकों के हितों के लिए बयानबाजी करें तो बेहतर होगा। उन्होंने कहा कि वारिस पठान अपने बयान को वापस लें तथा उसके लिए देश से माफी मांगें। फतवा ऑनलाइन के चेयरमैन मौलाना मुफ्ती अरशद फारुकी का कहना है कि सीएए को लेकर मुल्क के अंदर जो आंदोलन चल रहे हैं वे किसी एक मजहब के लोगों की लड़ाई नहीं है। बल्कि यह हर उसे भारतीय की लड़ाई है जो सदियों से यहां रह रहे हैं। इसे किसी एक मजहब से जोड़ना सरासर गलत और निंदनीय है। वारिस पठान का बयान आपसी सौहार्द और भाईचारे के खिलाफ है। इसलिए उन्हें इसे वापस लेकर देश की अवाम से माफी मांगनी चाहिए। बता दें कि वारिस पठान ने बृहस्पतिवार को कर्नाटक के गुलबर्गा में सीएए विरोधी एक जनसभा में कहा था कि हम 15 करोड़ हैं मगर 100 करोड़ पर भारी पड़ेंगे।