वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था बेहतर हालत में हैं। दुनिया के मुकाबले भारत में किसी भी तरह का बुरा हाल नहीं है। पुरी दुनिया में उथल-पुथल मची हुई है। कई संस्थाओं का कहना है कि ग्लोबल डिमांड कमजोर हो रही है। उन्होंने कहा, अमेरिका और जर्मनी में यील्ड कर्व्स उल्टा हो गया है। इससे यह साफ पता चल रहा है कि इन देशों में उपभोग घट गया है।निर्मला सीतारमण ने कहा, सभी टैक्स असेसमेंट का काम तीन महीने के भीतर पूरा किया जाएगा। स्टार्टअप रजिस्टर्ड कराने के दौरान इनकम टैक्स का सेक्शन 56 2(b) लागू नहीं होगा। इसके साथ ही उन्होंने स्टार्टअप्स के लिए एंजेल टैक्स खत्म कर दिया है।
बैंकिंग सेक्टर के लिए राहत का एलान करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि बैंकों के लिए 70,000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है। इससे बैंक पांच लाख करोड़ रुपये के लोन बांट पाएंगे। उन्होंने कहा बैंक अपने एमसीएलआर में कटौती करेंगे ताकि रेपो रेट में कमी का फायदा ग्राहकों को मिल सके। बैंकों ने फैसला किया है कि वे रेपो-रेट से लिंक्ड प्रोडक्ट्स लॉन्च करेंगे। सीतारमण ने कहा कि सरकार बैंक लोन बंद होने के 15 दिनों के भीतर डॉक्यूमेंट ग्राहकों को वापस करेंगे।
2014 से सरकार आर्थिक सुधार पर काम कर रही है। सरकार के एजेंडे में अर्थव्यवस्था में लगातार सुधार करने पर काम हो रहा है। वित्त मंत्री ने कहा कि चीन और अमेरिका में व्यापार युद्ध का असर देखने को मिल रहा है। विश्व भर की सभी जीडीपी की ग्रोथ इस साल 3.2 फीसदी रहने की संभावना है, और इसमें भी गिरावट हो सकती है।
इससे पहले सुबह से वित्त मंत्री की सचिवों के साथ कई दौर की बैठकें हो चुकी है। सूत्रों को मुताबिक बैठक से पहले अधिकारियों ने पीएमओ में प्रजेंटेशन दिया है। पीएमओ ने फाइनेंशियल मार्केट और इंफ्रा पर सुझाव दिए हैं। भारत के लिए ग्रोथ का एजेंडा सबसे ऊपर है। उन्होंने कहा कि सरकार को मौजूदा आर्थिक हालात की चिंताओं का पूरा अंदाजा है।