मुंबई, 6 सितंबर । घरेलू शेयर बाजार को इस सप्ताह विदेशी संकेतों से दिशा मिलेगी, जबकि निवेशकों को सप्ताह के आखिर में जारी होने वाले प्रमुख आर्थिक आंकड़ों का इंतजार रहेगा और मानसून की प्रगति पर उनकी नजर बनी रहेगी। भूराजनीतिक तनाव और कोरोना महामारी के प्रकोप का भी बाजार पर असर बना रहेगा।
भारत और चीन के बीच सीमा पर तनातनी से पैदा हुए भूराजनीतिक तनाव और कोरोना महामारी के चलते वैश्विक आर्थिक विकास की रफ्तार को लेकर बने अनिश्चतता के माहौल में कारोबारी रुझान कमजोर रह सकता है।
डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों और घरेलू संस्थागत निवेशकों के निवेश के प्रति रुझान से बाजार को दिशा मिलेगी।
सप्ताह के आखिर में शुक्रवार को भारत के औद्योगिक उत्पादन के जुलाई महीने के आंकड़े जारी होंगे, जिससे देश की औद्योगिक गतिविधियों का पता चलेगा। इसलिए निवेशकों को औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ों का इंतजार रहेगा।
उधर, अमेरिका और चीन में इस सप्ताह महंगाई के आंकड़े जारी होंगे, जिसका असर वैश्विक बाजार पर देखने को मिल सकता है। अमेरिका में अगस्त महीने की महंगाई दर के आंकड़े शुक्रवार को जारी होंगे, जबकि इससे पहले बुधवार को चीन में अगस्त महीने की महंगाई दर के आंकड़े जारी होंगे। वहीं, गुरुवार को यूरोपियन सेंट्रल बैंक ब्याज दर को लेकर अपने फैसले की घोषणा कर सकता है।
देश में मानूसन की प्रगति अब तक अच्छी रहने से खरीफ फसलों की रिकॉर्ड बुवाई हुई है, लेकिन फसलों की पैदावार पर सीजन के आखिरी दौर में मानूसन की चाल का असर होगा। इस दौर में ज्यादा बारिश होने से फसल को नुकसान, जबकि मानसूनी की बेरुखी से फसल कमजोर होने से पैदावार पर असर हो सकता है। इसलिए, मानसून की चाल पर बाजार की नजर होगी।
जानकार बताते हैं कि बीते सप्ताह घरेलू शेयर बाजार में आई भारी गिरावट के बाद जो घबराहट की स्थिति पैदा हुई थी, वह बनी हुई है क्योंकि तेजी के बहरहाल कोई मजबूत कारक नहीं दिख रहे हैं।
Disclaimer: This story is auto-generated from IANS service.