विद्यार्थी जलजनित रोगों की रोकथाम की जागरूकता के लिए समाज में संदेश-वाहक की भूमिका निभा सकते हैं: स्वास्थ्य सचिव

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नई दिल्ली: “विद्यार्थी हमारे ऐसे संदेशवाहक हो सकते है जो जलजनित रोगों जैसे डेंगू, मलेरिया और चिकुनगुनिया की रोकथाम के बारे में जागरूकता संदेश समाज के प्रत्येक वर्ग तक सकारात्मक रूप से पहुॅंचाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं । सभी विद्यार्थी अपने अभिभावकों ही नही अपितु अपने निकटतम और प्रियजनों को ऐसे रोगों की रोकथाम के बारे में जरूरी उपाय समझाने में अपना दायित्व निभाने के लिए पूरी तरह सक्षम हैं।”

यह बात आज भारत सरकार की स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सचिव-श्रीमती प्रीति सूदन ने अटल आदर्श विद्यालय-न्यू मोती बाग में आयोजित एक जागरूकता कार्यक्रम का उद्घाटन करने के उपरान्त विद्यार्थियों केा संबोधित करते हुए कही।

उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश के सभी क्षेत्रों में प्रत्येक वर्ग को डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया की रोकथाम के लिए जागरूक करने के लिए तीन दिवसीय सघन अभियान चलाया है, जो विशेषकर दिल्ली में भी चलाया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि सभी नगरनिकायों को स्वास्थ्य मंत्रालय जलजनित रोगों को रोकने के लिए और इसके खिलाफ लड़ने के लिए पर्याप्त सहायता और संसाधन उपलब्ध कराने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा।

श्रीमती प्रीति सूदन ने इस अवसर पर जनता से इस जागरूकता कार्यक्रम को जन-आन्दोलन बनाने के लिए सक्रिय भागीदारी निभाने का आह्वाहन किया। जिससे देश की राजधानी दिल्ली को इन रोगों से मुक्त किया जा सके और इस शहर को स्वस्थ वातावरण प्रदान करके रहने योग्य खुशहाल बनाया जा सके।

नई दिल्ली क्षेत्र में इन रोगों की रोकथाम करने के लिए बनाई गई रणनीति का खुलासा करते हुए नई दिल्ली नगरपालिका परिषद् की सचिव-श्रीमती रश्मि सिंह ने बताया कि इस क्षेत्र के सभी 14 जोनों में कर्मचारियों की टीमें बनाकर प्रत्येक घर, सरकारी, गैर-सरकारी दफतर, स्कूल, काॅलेज, मंत्रालय, दूतावास में मच्छरों के पनपने वाली जगहों की सघन जाॅंच की जा रही है। पालिका परिषद् ने इसके लिए इस सत्त सघन अभियान छेड़ा हुआ है, जिसमें आवासीय कल्याण समितियों, मार्केट ट्रेडर्स ऐसोसिएशनों, गैर-सरकारी सगठनों तथा सभी इमारतों के स्वामियों एंव संरक्षको से सक्रिय सहयोग मांगा जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि यह अभियान जनता की भागीदारी के बिना अधूरा रहेगा और यदि सभी अपना सक्रिय सहायोग देगें तो इस बिमारी से एकजुट होकर लड़ा जा सकता है और मुक्ति पाई जा सकती है।

पालिका परिषद् सचिव ने यह भी बताया कि सभी मच्छर-खोजी टीम के सदस्य इन रोगों की रोकथाम के लिए ‘क्या किया जाए और क्या ना किया जाए‘ से संबंधित प्रकाशित जानकारी के पर्चे भी लोगों को बांट रहे हैं, जिससे नागरिकों के स्तर पर इन रोगों की प्राथमिक रोकथाम की जा सके तथा और इलाज से ज्यादा जरूरी बचाव की उक्ति को सार्थक किया जा सकें।

इस अवसर पर जन स्वास्थ से जुडें गैर सरकारी संगठनों द्वारा नुक्कड़ नाटकों का भी आयोजन किया गया।
इस विषय पर आयोजित एक कार्यशाला में स्कूली विद्यार्थियों, अध्यापकों, प्रधानाचार्यों, स्वास्थ्य-कर्मियों के साथ भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव -डाॅं डी.गंगवार एवं श्री अरूण सिघल, भारत सरकार के चिकित्सा सेवा महानिदेशक-डाॅं सक्सेना, राष्ट्रीय जल-जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के निदेशक-डाॅं नीरज ढिगंरा, पालिका परिषद् के स्वास्थय एवं चिकित्सा अधिकारी-डाॅं रमेश कुमार, मुख्य चिकित्सा अधिकारी – डाॅं शकुन्तला श्रीवास्तव एवं डाॅं गुंजन सहाय, पालिका परिषद् में स्वच्छता, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सलाहाकार-डाॅं पी. के. शर्मा और डाॅं आर. एन. सिंह भी उपस्थित थें।