विपक्षी दलों के साथ आने से बीजेपी के पसीने छूट रहे हैं- शिवसेना

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भाजपा की सहयोगी शिवसेना ने विपक्षी एकजुटता को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला। उन्होंने मोदी से सवाल किया कि 22 विपक्षी दलों के साथ आने से उन्हें ‘कंपकंपी’ क्यों हो रही है? उन्हें इस भ्रम में नहीं रहना चाहिए कि उनकी सरकार अमर है ।

शनिवार को तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी द्वारा आयोजित रैली में विपक्ष की एकजुटता का हवाला देते हुए शिवेसना ने पार्टी के मुखपत्र सामना में एक संपादकीय में कहा कि मोदी-शाह की जोड़ी को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री सीधी चुनौती दे रही हैं।

बनर्जी सहित रैली में शिरकत करने वाले अधिकतर नेता अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार में कभी भाजपा के सहयोगी रहे हैं और उनका मजाक उड़ाने की जरूरत नहीं है। मोदी सरकार देश की दुश्मन नहीं है, लेकिन उन्हें इस भ्रम में नहीं रहना चाहिए कि उनकी सरकार अमर है।

कई क्षेत्रीय दलों के एक मंच पर साथ आने के दौरान खुद को उनसे अलग रखने वाली शिवसेना ने कहा कि उसे सत्ताधारी दल की आलोचना करने का अधिकार है। सामना में कहा गया कि बनर्जी ने रैली के लिए उद्धव ठाकरे को आमंत्रित किया था लेकिन हमारी रणभेरी हम अपने ही मैदान में फूंकते रहते हैं और वह हमने सबसे पहले फूंकी है।

संपादकीय में कहा गया कि बनर्जी के मंच पर आए सभी सेक्युलरवादी थे। शिवसेना ढोंगी सेक्युलरवादी नहीं है। हम प्रखर हिंदुत्ववादी हैं और राम मंदिर से लेकर समान नागरिक कानून तक को कार्यान्वित करने के लिए हम अपनी भूमिका पर दढ़ हैं।

कोलकाता की रैली को हमारा विचार बर्दाश्त नहीं होता। शिवसेना ने कहा कि प्रधानमंत्री ने टैंक पर चढ़कर भाषण दिया थाा तो फिर आखिर 22 विरोधी दलों की एकमुश्त आवाज से उनकी कंपकंपी क्यों छूट रही है।जिस तरह भाजपा को चुनाव लड़कर सत्ता में आने का हक है, उसी तरह विपक्ष को भी सरकार का पर्दाफाश करने और उसे हराने का अधिकार है।

साभार- ‘पंजाब केसरी’