विवेक तिवारी हत्याकांड: आरोपी सिपाही की जमानत अर्जी खारिज

   

जिला जज सुरेंद्र कुमार यादव ने एप्पल के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी की हत्या के मामले में निरुद्ध अभियुक्त पुलिसकर्मी प्रशांत कुमार की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। उन्होंने लोक सेवक के रूप में अभियुक्त के इस अपराध को जघन्यतम करार दिया है।

सोमवार को अदालत में अभियोजन की ओर से अभियुक्त प्रशांत की जमानत अर्जी का जोरदार विरोध किया गया। फौजदारी के जिला शासकीय अधिवक्ता मनोज त्रिपाठी व शासकीय अधिवक्ता प्रखर निगम का कहना था कि अभियुक्त एक लोकसेवक है। उसने बिना किसी सूझ-बूझ का परिचय दिए अकारण एक निर्दोष व्यक्ति की गोली मारकर हत्या की है। विवेचना के पश्चात उसके खिलाफ आरोप पत्र भी दाखिल हो चुका है। दूसरी तरफ अभियुक्त की ओर से कहा गया कि वह निर्दोष है। उसे झूठा फंसाया गया है। उसने संदिग्ध हालत में आती हुई गाड़ी को रोकने का प्रयास किया था। लेकिन उसकी मोटरसाइकिल में टक्कर मार दी गई। इससे पुलिसकर्मी संदीप गिर गया। इसके बाद उसने आत्मरक्षार्थ व अपने सहकर्मी की जान बचाने के लिए गोली चलाई थी।

20 दिसम्बर को चार्जशीट दाखिल हुई
पिछले साल 20 दिसंबर को विवेक तिवारी की हत्या के इस मामले में आरोप पत्र दाखिल हुआ था। इसमें अभियुक्त पुलिसकर्मी प्रशांत कुमार चौधरी को हत्या (आईपीसी की धारा 302) जबकि संदीप कुमार को मारपीट (आईपीसी की धारा 323) का आरोपी बनाया गया था। 24 दिसंबर को अदालत ने आरोप पत्र में लगाए गए आरोपों पर संज्ञान लेते हुए अभियुक्तों का अभिरक्षा वारंट सही करने का आदेश दिया था। इसके बाद संदीप की ओर से निचली अदालत में जमानत अर्जी दाखिल की गई। दो जनवरी को निचली अदालत ने अर्जी मंजूर करते हुए संदीप को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था।

सितम्बर में हुई थी घटना
28 सितंबर की रात में हुई इस घटना के बाद दोनों पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था। इस घटना की एफआईआर विवेक की सहकर्मी व उसके बाद उनकी पत्नी कल्पना ने भी दर्ज कराई थी। विवेचना के दौरान दोनों एफआईआर को एक में मर्ज कर लिया गया था।