वेनेज़ुएला में राष्ट्रपति निकोलस मादुरो के इस्तीफे की मांग को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए हैं। वहीं प्रमुख विपक्षी नेता जुआन गोएडो ख़ुद को अंतरिम राष्ट्रपति घोषित कर चुके हैं।
इसको लेकर दुनिया भी दो खांचों में बंटती दिखाई दे रही है। गोएडो को अमेरिका, कनाडा और ताकतवर पड़ोसी देशों जैसे ब्राजील, कोलंबिया और अर्जेंटीना से समर्थन मिल रहा है।
रूस और चीन मौजूदा राष्ट्रपति मादुरो के पक्ष में खड़े हैं। यूरोपीय संघ ने वेनेज़ुएला में फिर से चुनाव कराए जाने की मांग कर दी है और गोएडो के नेतृत्व वाली नेशनल असेंबली को अपना समर्थन दे दिया है। ऐसे में वेनेज़ुएला में राजनीतिक संकट वैश्विक समस्या बनने की ओर अग्रसर है।
#Mindfulness: This grandpa from #Caracas could not participate in a recent walk for #democracy, however he stands strong waving the #Venezuela flag protesting against #communism.
The source indicates he is 90 years of age! https://t.co/lIOsfn1asF
— RalphGM (@RalphGMWorks) January 28, 2019
जागरण डॉट कॉम के मुताबिक, वेनेजुएला से तेल खरीदने के मामले में भारत शीर्ष देशों में से एक है। मादुरो की गलत नीतियों के चलते अब अमेरिका उसके तेल निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दे रहा है।
पिछले साल मार्च में निकोलस मादुरो अंतरराष्ट्रीय सोलर अलायंस समिट में हिस्सा लेने के लिए भारत आए थे। भारत ने वेनेजुएला के साथ हाइड्रोकार्बन सेक्टर में सहयोग के लिए द्विपक्षीय समझौता भी किया है।
इसके अलावा वेनेजुएला के ऑयल क्षेत्र में भारत ने निवेश भी किया है। ऐसे में वहां पर गहराया आर्थिक और राजनीतिक संकट भारत-वेनेजुएला संबंधों को प्रभावित कर सकता है।