न्यूयॉर्क, 12 दिसंबर । भारतीय मूल के एक व्यक्ति और सिस्को के पूर्व इंजीनियर सुदीश कसाबा रमेश को इस हफ्ते दो साल की जेल की सजा सुनाई गई है। दरअसल उसने कंपनी छोड़ने के बाद बिना इजाजत सिस्को के नेटवर्क तक पहुंच स्थापित की और फिर सिस्को वेबेक्स टीम्स सर्विस के इंफ्रास्ट्रक्चर को होस्ट करने वाले सर्वर को क्षतिग्रस्त कर दिया।
जेडनेट डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में सैन जोस के रहने वाले 31 वर्षीय रमेश पर औपचारिक रूप से इस साल के शुरू में जुलाई में आरोप लगाया गया था और एक महीने बाद अगस्त में दोषी करार दिया गया।
अदालत के दस्तावेजों के अनुसार, रमेश ने जुलाई 2016 और अप्रैल 2018 के बीच सिस्को के लिए काम किया। उसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया और एक अन्य कंपनी में शामिल हो गए।
इससे पांच माह पहले किसी कारण से रमेश ने सितंबर 2018 में अमेजन के वेब सर्विस पर होस्ट किए जाने वाले सिस्को के क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर पर पहुंच स्थापित की थी।
जांचकर्ताओं ने कहा कि रमेश ने उसके बाद एक स्क्रिप्ट को रन करने की प्रक्रिया आगे बढ़ाई, जिसने सिस्को वीडियो कांफ्रेंसिंग सॉफ्टवेयर वेबेक्स टीम्स को सपोर्ट करने वाले 456 वर्चुअल मशीनों को डिलिट कर दिया। इस वजह से 16,000 से अधिक वेबेक्स अकाउंट अस्थायी रूप से डिलीट हो गए।
खातों को पुर्नप्राप्त करने और अपने सिस्टम के पुननिर्माण के लिए सिस्को को दो सप्ताह लग गए, जिस वजह से कंपनी को 2.4 मिलियन अमेरिकी डॉलर चुकाने पड़े।
हालांकि रमेश ने अपने कार्यों के लिए माफी मांगी, लेकिन सिस्को के पूर्व इंजीनियर ने यह कभी नहीं बताया कि सिस्को के सर्वर को उन्होंने क्यों हटाया।
रमेश को अगले दो साल जेल में काटने के अलावा 15,000 अमेरिकी डॉलर का जुर्माना भरने का भी आदेश दिया गया।
रमेश को उनके वर्तमान कंपनी से भी निकाल दिया गया और अगले साल 10 फरवरी को उनकी जेल की सजा शुरू होने वाली है।
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