लवली प्रफेशनल यूनिवर्सिटी में आयोजित इंडियन साइंस कांग्रेस में एक से बढ़कर एक अनोखे दावे किए हैं। आंध्र यूनिवर्सिटी के कुलपति समेत एक वैज्ञानिक के दावे शुक्रवार को कार्यक्रम में छाए रहे। कुलपति जी. नागेश्वर राव ने दावा किया कि रावण के पास 24 तरह के एयरक्राफ्ट थे और श्री लंका में उन दिनों एयरपोर्ट हुआ करते थे।
इतना ही नहीं, इसी सेशन में तमिलनाडु के एक वैज्ञानिक के. जे. कृष्णन ने दावा किया कि न्यूटन और अल्बर्ट आइंस्टाइन की थिअरी पूरी तरह गलत थीं। उन्होंने दावा किया कि जल्द ही गुरुत्वाकर्षण तरंगों का नाम बदलकर ‘नरेंद्र मोदी तरंग’ रखा जाएगा। जबकि फिजिक्स में ग्रैविटेशनल लेंसिंग इफेक्ट को ‘हर्षवर्धन इफेक्ट’ के नाम से जाना जाएगा।
साइंस कांग्रेस में पहले भी हो चुके हैं अजब दावे
हालांकि साइंस कांग्रेस के इतिहास में यह पहली बार नहीं है जब ऐसे अजीबोगरीब दावे किए गए हों। जनवरी 2015 में मुंबई सेशन में केरल के पायलट ट्रेनिंग स्कूल के प्रिंसिपल आनंद बोडस ने दावा किया था कि प्राचीन काल में भारतीयों ने ऐसा एयरक्राफ्ट खोजा था जो अलग-अलग दिशाओं में उड़ सकता था और अलग-अलग ग्रहों पर भी पहुंचा था।
उधर आंध्र यूनिवर्सिटी के वीसी के लेक्चर पर हैरानी जताते हुए इंडियन साइंस कांग्रेस असोसिएशन के अध्यक्ष मनोज कुमार चक्रवर्ती ने कहा, ‘मुझे गहरा खेद है उन्होंने जो बातें बच्चों के सामने रखीं। मैंने टीम को नजर रखने का निर्देश दिया था कि कोई भी अवैज्ञानिक दावा कोई स्पीकर ना करे। एक कुलपति के स्तर का व्यक्ति जब ऐसी बातें बोलता है तो हैरानी होती है।’
हालांकि बयान पर विवाद होने के बाद भी कुलपति जी नागेश्वर राव अपने बयान पर कायम रहे। उन्होंने दोहराया, ‘रामायण और महाभारत मिथ नहीं हैं, बल्कि इतिहास हैं। हम इनके बारे में जानते नहीं हैं तो इसका मतलब यह नहीं कि इसके पीछे विज्ञान नहीं था।’