व्हाट्सएप की डेटा व गोपनीयता नीति को हाईकोर्ट में चुनौती

   

नई दिल्ली , 14 जनवरी । त्वरित संदेश सेवा व्हाट्सएप की आगामी डेटा और गोपनीयता नीति के खिलाफ गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में एक आवेदन दिया गया है। आवेदन में कहा गया है कि यह नीति भारत के नागरिकों की निजता के अधिकार का हनन करती है।

वकील चैतन्य रोहिल्ला की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि यह नीति किसी भी व्यक्ति की ऑनलाइन गतिविधि में 360 डिग्री प्रोफाइल व्यू देती है। इसके साथ ही याचिका में व्यक्ति की राइट टू प्राइवेसी का हवाला देते हुए कहा गया है कि इससे किसी भी व्यक्ति की निजी और व्यक्तिगत गतिविधियों पर नजर रखी जा सकती है और यह कार्य बिना किसी सरकारी निरीक्षण के किया जाता।

अन्य अनुरोधों के साथ ही याचिकाकर्ता ने व्हाट्सएप की ओर से नई नीति पर तुरंत रोक लगाने की मांग की है।

इसके अलावा, रोहिल्ला ने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को एक दिशा-निर्देश देने की मांग की है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि व्हाट्सएप अपने उपयोगकर्ताओं (यूजर्स) के किसी भी डेटा को किसी तीसरे पक्ष (थर्ड पार्टी) या फेसबुक एवं उसकी कंपनियों के साथ किसी भी उद्देश्य के लिए साझा न करे।

याचिकाकर्ता ने याचिका में कहा है कि व्हाट्सएप द्वारा उपयोगकर्ताओं के डेटा को तीसरे पक्ष और फेसबुक को साझा करना अपने आप में गैरकानूनी है, क्योंकि व्हाट्सएप केवल उन उद्देश्यों के लिए सूचना का उपयोग कर सकता है, जो यथोचित रूप से उस उद्देश्य से जुड़े हो, जिसके लिए सूचना दी गई थी।

बता दें कि व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी आठ फरवरी से लागू होगी, जिसे स्वीकार न करने वाले यूजर्स आगे व्हाट्सएप का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। व्हाट्सएप यूजर्स से पूछ रहा है कि या तो फेसबुक के साथ डेटा साझा करने के लिए अपनी सहमति दें या फिर आठ फरवरी के बाद वह एप का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे।

सेवाओं का उपयोग जारी रखने के लिए, यूजर्स को नियमों और शर्तो को स्वीकार करना होगा। अगर यूजर्स सेवा की नई शर्तो को स्वीकार नहीं करते हैं, तो वे एप का उपयोग नहीं कर पाएंगे।

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