मुंबई, 30 जुलाई । गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्डस द्वारा दिवंगत गणितज्ञ शकुंतला देवी को सबसे तेज मानव संगणना के खिताब से सम्मानित किया गया है। एमेजॉन प्राइम वीडियो पर उनकी बायोपिक शकुंतला देवी की रिलीज से एक दिन पहले मिला यह प्रमाणपत्र एक खूबसूरत सरप्राइज के रूप में सामने आया है।
सबसे तेज मानव गणना 28 सेकंड का है और शकुंतला देवी (भारत) ने 18 जून, 1980 में लंदन में स्थित इम्पीरियल कॉलेज में दो बेतरतीब ढंग से चुने गए 13-अंकीय संख्याओं को सफलतापूर्वक गुणा करके सभी को हैरान कर दिया था। यह सर्टिफिकेट शकुंतला देवी की बेटी अनुपमा बनर्जी द्वारा प्राप्त किया गया है।
31 जुलाई को एमेजॉन प्राइम वीडियो पर उन्हीं के नाम से बनी बायोपिक विश्व स्तर पर रिलीज होने के लिए तैयार है, जिसमें उनकी जिंदगी की तमाम उपलब्धियों से दर्शकों को रूबरू कराया जाएगा। यह फिल्म अनु मेनन द्वारा निर्देशित और सोनी पिक्च र्स नेटवर्क्स प्रोडक्शंस व विक्रम मल्होत्रा (अबुंदंतिया एंटरटेनमेंट) द्वारा निर्मित है।
फिल्म में अभिनेत्री विद्या बालन शीर्षक भूमिका में हैं और उनके साथ इसमें सान्या मल्होत्रा, यीशु सेनगुप्ता और अमित साध भी प्रमुख भूमिकाओं में नजर आएंगे।
स्वर्गीय शकुंतला देवी की बेटी अनुपमा बनर्जी ने इस उपलब्धि पर कहा, मेरी मां के लिए यह सम्मान प्राप्त करना एक शानदार क्षण है। सबसे तेज मानव संगणना के प्रमाण पत्र से सम्मानित किया जाना एक रोमांचक उपलब्धि है जिसके लिए केवल मेरी मां सक्षम थीं।
उन्होंने आगे कहा, मुझे खुशी है कि उनकी बायोपिक शकुंतला देवी के निर्माण के दौरान कुछ महत्वपूर्ण सुझाव देने का मुझे अवसर मिला ताकि लोगों को यह पता चल सके कि मेरी मां निजी जीवन में जिंदगी का लुफ्त उठाने वाली शख्सियत थीं। मैथ्स के लिए उनके प्यार और जुनून से हर कोई वाकिफ है। वह हमेशा इसे एक स्तर आगे ले जाना चाहती थीं। यह ठीक उसी तरह की मान्यता है जिससे उन्हें अपनी गणितीय क्षमताओं पर बेहद गर्व महसूस होगा।
विद्या बालन कहती हैं, लंदन में शकुंतला देवी की शूटिंग के दौरान हम अनुपमा बनर्जी से अक्सर मिलते थे। उनके साथ बातचीत करने के दौरान मुझे एहसास हुआ कि दिवंगत शकुंतला देवी को गिनीज वल्र्ड रिकॉर्डस से आधिकारिक प्रमाणीकरण नहीं मिला है – तब ऐसा कोई मानदंड नहीं था। विक्रम मल्होत्रा और मैं ऐसा करने के लिए बहुत उत्सुक थे और एमेजॉन की टीम के साथ हम गिनीज वल्र्ड रिकॉर्डस की टीम के पास पहुंचे जिन्होंने हमें हरसंभव सहायता प्रदान की। मैं रोमांचित हूं कि अनुपमा के पास अब हमेशा संजोए रखने के लिए एक प्रमाणपत्र है। यह मेरी तरफ से लीजेंड को एक श्रद्धांजलि है।
गिनीज वल्र्ड रिकॉर्डस के एडिटर इन चीफ क्रेग ग्लेनडे ने कहा, शकुंतला देवी की आश्चर्यजनक उपलब्धि इतने सालों बाद भी गिनीज वल्र्ड रिकॉर्डस के अभिलेखागार में अपनी जगह बनाए हुए हैं। कोई भी उनकी बराबरी करने में सक्षम नहीं हुआ है, यह रिकॉर्ड श्रीमती देवी के दिमाग की असाधारण शक्ति और इस विशेष मानसिक चुनौती, दोनों के लिए एक वसीयतनामा है। मानव कंप्यूटर के जीवन और करियर का एक वैश्विक जश्न लंबे समय से अधूरा था और गिनीज वल्र्ड रिकॉर्डस इस विशिष्ट व्यक्ति को चैंपियन बनाने में अपनी भूमिका निभाने के लिए सम्मानित महसूस कर रहा है।
Source: IANS
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