शाहीन बाग के आंदोलनकारियों का समर्थन करने के लिए पंजाब से आए सैकड़ों लोग, देखें विडियो

,

   

शाहीन बाग़ दिल्ली का वह इलाक़ा है जो अब पूरी दुनिया में सीसीए, एनसीआर के विरोध में चल रहे महिलाओं के शांतिपूर्वक प्रदर्शन की वजह से जाना जाने लगा है. प्रदर्शन में महिलाओं का हौसला बढ़ाने के लिए आज सुबह पंजाब के बठिंडा, उगराहां से पांच बसों में भारतीय किसान यूनियन (एकता), नौजवान भारत सभा के साथ कई संस्थाओं के सैकड़ों सिख कार्यकर्ता हाथ में झंडा लेकर पहुंचे. ये किसान अपने साथ आटा, सब्ज़ी के साथ सभी ज़रूरत की चीज़ें लेकर आए हैं. उन्होंने इंक़लाब जिंदाबाद के नारों के साथ प्रदर्शन स्थल में प्रवेश किया. उनके प्रवेश पर वहां मौजूद महिलाओं ने जहां खड़े होकर जत्थे में आई महिलाओं को गले लगाया तथा बाकी लोगों का खड़े होकर स्वागत किया. लगातार उनके स्वागत में इंक़लाब ज़िंदाबाद, हम लेकर रहेंगे आज़ादी…के नारे गूंजते रहे. इस स्वागत से जत्थे में कई लोगों की आंखें नम हो गईं.

सुबह के नाश्ते का प्रबंध प्रदर्शन स्थल के पास फुटओवर ब्रिज के नीचे किया गया. सड़क पर प्रदर्शन में आए लोगों के लिए बड़े-बड़े कढ़ाये में दूध उबल रहा था तो पास में दूसरी तरफ सब्ज़ी बन रही थी. दर्जनों नक़ाब पहने महिलाएं रोटी बनाने में लगी थीं. कुछ महिलाएं आटा गूंथने में लगी थीं. चारों तरफ इनकी खातिरदारी के लिए दस्तरख़ान बिछ चुका था. जत्थे में लोग नाश्ते के लिए बैठे थे और उनको वहां के लोकल लोग खिला रहे थे.

जसवीर सिंह कहते हैं कि ऐसी खातिर तो किसी शादी ब्याह में ही होती है. हमें अंदाज़ा नहीं था कि शाहीन बाग़ में यहां के लोगों द्वारा हम लोगों की ऐसी खिदमत की जाएगी. हम तो सपने में भी नहीं सोच सकते थे. इस मौके पर लोगों ने कहा कि आज मुस्लिम भाइयों पर नागरिकता को लेकर सवाल खड़ा किया जा रहा है तो कल हम भी इसका शिकार होंगे. इसलिए हम लोग पंजाब से चलकर शाहीन बाग आए हैं कि आप अपने आपको अकेला न समझें. पूरा सिख समुदाय आप के साथ है. हम ही नहीं सरकार हिंदुत्व के नाम पर राजनीति कर रही है वहीँ हिन्दू भाई भी इस काले कानून में इस संघर्ष में हम सब के साथ क़दम से क़दम मिलाकर खड़े हैं.

 

दोपहर में पंजाब के आये लोगों ने शाहीन बाग़ से जामिया यूनिवर्सिटी तक शांति मार्च निकला, जो जामिया के प्रदर्शन में शामिल हुआ. रणधीर सिंह कहते हैं कि फ़िलहाल आज रात हम शाहीन बाग़ में ही प्रदर्शन का हिस्सा रहेंगे और यहां के लोकल लोगों द्वारा दी गई दावत में शामिल होंगे. उसके बाद की स्थिति कल साफ़ हो पाएगी.