शाहीन बाग में 99 दिन से जारी सीएए विरोधी प्रदर्शन में इक्के-दुक्के लोग

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वैश्विक महामारी कोरोनावायरस देश के 23 राज्यों में फैल चुका है। भारत के 75 जिले 31 मार्च तक लॉकडाउन किए गए हैं। इसके बाद नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ लखनऊ और मुंबई में लंबे वक्त से जारी धरना अस्थाई तौर पर खत्म हो गया। सोमवार को दिल्ली के शाहीन बाग में पंडाल खाली मिले और यहां इक्के-दुक्के लोग ही नजर आए। वहीं, लखनऊ के घंटाघर और मुंबई के मोरलैंड रोड को प्रदर्शनकारियों ने खाली कर दिया है। कोरोना से लड़ाई के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर रविवार को देशभर में जनता ने कर्फ्यू लगाया था।

 सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ शाहीन बाग में सैकड़ों प्रदर्शनकारी धरने पर बैठे थे। उन्हें हटाकर ओखला इलाके के रास्ते खाली कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने वार्ताकार नियुक्त किए थे। काफी कोशिशों के बाद भी धरनास्थल को खाली नहीं कराया जा सका था, लेकिन अब प्रदर्शन के 99 दिन बाद लॉकडाउन के कारण प्रदर्शनकारियों की संख्या कम हो गई। इससे पहले रविवार सुबह धरनास्थल के पास लगे बैरिकेड्स पर पेट्रोल बम फेंका गया। हालांकि इस घटना में सभी सकुशल रहे। प्रदर्शनकारियों के दो गुटों में जनता कर्फ्यू का समर्थन करें या न करें, इसको लेकर शनिवार रात झड़प हो गई थी।