शाहीन बाग: रास्ता खोलने के लिए प्रदर्शनकारियों से आज वार्ताकार कर सकते हैं बात

   

शाहीन बाग का प्रदर्शन खत्म कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बना पैनल बुधवार को प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर सकता है। पैनल में शामिल वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े, वजाहत हबीबुल्ला और साधना रामचंद्रन ने एक सर्वमान्य हल के विभिन्न विकल्पों पर विचार किया है।

इसी बीच प्रदर्शनकारियों ने कहा है कि वे बातचीत तो करेंगे, लेकिन नागरिकता संशोधन कानून वापस लिए जाने से पहले धरना समाप्त नहीं करेंगे। लेकिन खबर है कि दोनों पक्षों में एक तरफ का रास्ता खोलने पर सहमति बन सकती है। इसके लिए प्रदर्शनकारियों और वार्ताकारों के बीच तालमेल बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

सूत्रों के मुताबिक शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी अब तक के अपने प्रयास को एक सफल मुकाम तक पहुंचाना चाहते हैं। इसके लिए वे अनेक राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मिलकर नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में सबको साथ लाने की कोशिशें कर रहे हैं। एक प्रतिनिधि मंडल ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की है।

जल्दी ही मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ से भी मिलकर वहां के सदन में कानून के विरोध में प्रस्ताव पास कराने की तैयारी है। इस मुद्दे पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी मिलने की बात हो रही है।

प्रदर्शनकारियों के मुताबिक, ऐसे में पूरा धरना एक बार में खत्म करने से इस मुहिम को चोट लग सकती है। यही कारण है कि प्रदर्शनकारी रणनीति के तहत शाहीन बाग का धरना एक बार में खत्म करने के पक्ष में नहीं हैं।

वहीं, प्रदर्शनकारी सुप्रीम कोर्ट की अवहेलना करते हुए भी नहीं दिखना चाहते हैं। यही कारण है कि वे बीच का एक ऐसा रास्ता निकालने की कोशिश कर सकते हैं, जिसमें लोगों को आवागमन के लिए रास्ता भी मिल जाये और विरोध प्रदर्शन भी जारी रहे।

इसके लिए सड़क के एक तरफ का रास्ता खोला जा सकता है। इससे दोनों पक्षों की बात रह जाएगी। क्या प्रदर्शनकारी शाहीन बाग को छोड़ किसी दूसरे स्थल पर धरना देने के लिए तैयार हो सकते हैं, इस सवाल पर प्रदर्शनकारियों की राय बंटी हुई है। हालांकि इस पर अंतिम फैसला वार्ता के बाद ही लिया जाएगा।