शिक्षा जगत में आज दिल्ली पूरे देश का दिशा निर्देश कर रही है : केजरीवाल

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तथा उपमुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया बाबूराम स्कूल के प्रांगण में बन रहे नए, डाइट सेंटर के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए।

कार्यक्रम में मौजूद गणमान्य लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कुछ ही महीनों में यह डाइट सेंटर बनकर तैयार हो जाएगा, और अगले साल से इसमें बच्चो के लिए टीचर ट्रेनिंग क्लासिज़ शुरू हो जाएगी।

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज से 4-1/2 साल पहले दिल्ली की जनता ने हम लोगों को दिल्ली की सत्ता की बागडोर सौंपी थी। जिस दिन से हमने दिल्ली की सत्ता की बागडोर संभाली दिन रात दिल्ली के विकास के लिए काम कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी जब सत्ता में आई थी, उस समय दिल्ली में शिक्षा, चिकित्सा, बिजली-पानी हर क्षेत्र में बहुत बुरी परिस्थितियां थी।

4-1/2 साल पहले जब हम दिल्ली की सत्ता में आए तो दिल्ली में शिक्षा व्यवस्था लगभग ध्वस्त पड़ी हुई थी। सरकारी स्कूलों की बिल्डिंग खंडहर थी। अध्यापकों को पढ़ाई के लिए कोई मोटिवेशन नहीं था। लोग सरकारी स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाना नहीं चाहते थे। प्राइवेट स्कूल मनमाने तरीके से शिक्षा व्यवस्था को चला रहे थे। पूरी दिल्ली में शिक्षा माफियाओं का कब्जा था। हमारा सपना था कि दिल्ली में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाना है, ताकि हर गरीब और अमीर को समान शिक्षा मिल सके। सपना बहुत बड़ा था और रास्ता बहुत कठिन था। धीरे-धीरे शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए काम शुरू किया। सरकारी स्कूलों की टूटी फूटी बिल्डिंगों को नए तरीके से बनाया। प्रधानाचार्यों को ट्रेनिंग के लिए विदेशों में भेजा गया। बच्चों में शिक्षा के प्रति जागरूकता के लिए कई प्रकार के कार्यक्रम चलाए गए। साधारण शिक्षा के साथ साथ तकनीकी शिक्षा को लेकर भी कार्यक्रम चलाए गए। दिल्ली में शिक्षा के बजट को दुगुना किया। आज दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था इतनी सुगम और सुदृढ़ हो गई है कि विदेशों तक में दिल्ली के सरकारी स्कूलों की तारीफ होती है।

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए सबसे जरूरी था टीचरों के अंदर पढ़ाने का जज्बा पैदा करना। मैं इसके लिए मनीष सिसोदिया और उनकी पूरी टीम को बधाई देना चाहता हूं, कि उन्होंने एक बड़े स्तर पर प्रशिक्षण प्रक्रिया का आयोजन किया। जिसके तहत दिल्ली सरकार के स्कूल के प्रधानाचार्य को विदेशों में, और अध्यापकों को आईआईएम जैसे बड़े बड़े संस्थानों में, नई शिक्षा पद्धति सीखने के लिए भेजा गया। पिछली सरकारों में केवल नेता और बड़े-बड़े अधिकारी ही विदेश यात्राओं पर जाया करते थे। हमारी सरकार में मुख्यमंत्री होने के बावजूद मेरी मात्र एक या दो विदेश यात्रा हुई हैं। पहली बार किसी सरकार ने अध्यापकों के बारे में सोचा। अध्यापकों को ट्रेनिंग लेने के लिए विदेश यात्रा पर भेजने का काम किया है। जिसका नतीजा आज पूरे विश्व के सामने है। दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था पूरे देश के लिए एक आदर्श बन गई है।

शिक्षा की ट्रेनिंग लेने के बाद वापस आकर अध्यापकों में एक नई ऊर्जा, एक नई स्फूर्ति थी। इसी नई ऊर्जा के साथ इन अध्यापकों ने हमारी दिल्ली के बच्चों को बेहतर तरीके से पढ़ाना शुरू किया। दिल्ली के बच्चों के भविष्य को और ज्यादा गंभीरता के साथ लेना शुरू किया। इन्हीं अध्यापकों की मेहनत का नतीजा है कि इस बार दिल्ली के सरकारी स्कूलों का रिजल्ट 94.4% आया है। आज स्थिति यह है कि जिस प्रकार पूरी दुनिया फिनलैंड से सीखती है, कि शिक्षा व्यवस्था कैसी होनी चाहिए, उसी प्रकार आज पूरे भारत के सभी राज्य दिल्ली से सीखते हैं, कि शिक्षा व्यवस्था कैसी होनी चाहिए।

दिल्ली के सरकारी स्कूलों में लगभग 16 लाख बच्चे पढ़ते हैं। इन 16 लाख बच्चों का भविष्य गड्ढे में था। लेकिन आम आदमी पार्टी की सरकार आने के बाद जो दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था में परिवर्तन हुए हैं, अब मुझे पूरा यकीन है कि इन 16 लाख बच्चों का भविष्य बदलेगा। बड़े होकर यह लोग अपने मां बाप की गरीबी दूर करेंगे, इस देश का नाम रोशन करेंगे। शिक्षा जगत में अभी और बहुत से काम करने हैं। यह शुरुआत है। बदलाव के लिए दिल्ली की जनता, दिल्ली के बच्चे, सरकारी स्कूलों के शिक्षक, दिल्ली सरकार और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया की पूरी टीम पूरी तरह से तैयार है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि पिछले साढे 4 सालों में दिल्ली के अंदर शिक्षा जगत में बहुत व्यापक स्तर पर परिवर्तन हुए हैं। दिल्ली सरकार ने साडे 4 साल में कई यूनिवर्सिटी जैसे दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी, अंबेडकर यूनिवर्सिटी आदि के नए कैंपसों का निर्माण किया है। दिल्ली सरकार ने पिछले साढे 4 साल में 13 नए कॉलेजों का निर्माण किया। इसी श्रृंखला में इस डाइट सेंटर 14वां नंबर है। 15वें नंबर पर एक और डाइट सेंटर का प्रस्ताव तैयार है, जिसका निर्माण डिफेंस कॉलोनी में जल्द ही किया जाएगा।

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि शाहदरा और डिफेंस कॉलोनी में जो डाइट सेंटर बनाए जा रहे हैं, यह प्रतिवर्ष लगभग 200 बच्चों को प्रशिक्षण देने की क्षमता रखते हैं। वर्तमान में दिल्ली सरकार के जो 9 टीचर ट्रेनिंग संस्थान चल रहे हैं, उनमें लगभग 1040 बच्चों को प्रति वर्ष टीचर ट्रेनिंग दी जा रही है। जल्द ही यह दोनों संस्थान भी इस श्रंखला में जुड़ जायेंगे। जो बच्चे 12वीं कक्षा पास करने के बाद टीचर ट्रेनिंग का कोर्स करना चाहते हैं, इन दोनों सेंटरों में भी प्रशिक्षण देने का काम शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जल्द ही दिल्ली में एक विश्व स्तरीय टीचर ट्रेनिंग विश्वविद्यालय की स्थापना भी की जाएगी। जिससे कि 12वीं पास करने के पश्चात टीचर ट्रेनिंग करने वाले छात्रों को विश्वस्तरीय प्रशिक्षण दिया जा सकेगा।