शिया वक्फ बोर्ड के प्रमुख ने असुदद्दीन ओवैसी की तुलना अबुबकर अल बगदादी से की !

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अब शिया वक्फ बोर्ड के प्रमुख वसीम रिजवी ने एआईएमआईएम के अध्यक्ष असुदद्दीन ओवैसी के मस्जिद वापसी से जुड़े बयान की मजम्मत करते हुए उनकी तुलना आईएसआईएस प्रमुख अबु बकर अल बगदादी से की है. उन्होंने कहा है कि बगदादी और ओवैसी में कतई कोई अंतर नहीं है. बगदादी के पास अपनी सेना और हथियार थे, जिनकी मदद से वह आतंक फैला रहा था. ओवैसी के पास ‘जबान’ है, जिसकी मदद से वह यही काम कर रहे हैं. ओवैसी अपने बयानों से मुसलमानों को आतंक और खून-खराबे के लिए प्रेरित कर रहे हैं. इसके साथ ही वसीम रिजवी ने दो-टूक कहा कि यही सही समय है ओवैसी और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (Muslim Personal Law Board) पर प्रतिबंध लगाने का.

समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए वसीम रिजवी ने कहा कि अयोध्या मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला दिया है. इस तरह के विवादास्पद मसले पर ऐसा फैसला मैंने अपने जीवन में नहीं देखा है. हालांकि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और असुदद्दीन ओवैसी सरीखे कुछ नेता भी हैं, जो कट्टरपंथी सोच रखने वालों को उकसाने का काम कर रहे हैं. ऐसे सभी नेताओं या पक्षों पर तुरंत प्रतिबंध लगाए जाने की जरूरत है. गौरतलब है कि अयोध्या (Ayodhya) पर सुप्रीम फैसला आने के बाद रिजवी ने श्रीराम जन्मभूमि न्यास को अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए 51 हजार रुपए का दान भी दिया था.

गौरतलब है कि अयोध्या मसले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ओवैसी के बयानों को पाकिस्तान तक ने भारत के खिलाफ दुष्प्रचार का हिस्सा बनाया था. इसके बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (Ajit Doval) ने हिंदू और मुस्लिम धर्म गुरुओं की बैठक बुला कर विवादास्पद बयानों पर रोक लगाने को कहा था. खासकर ऐसे बयान जिनका फायदा उठाकर वैमनस्यता की खाई को और चौड़ा किया जा सके. इसके बाद भी ओवैसी अपने बयानों से लगातार जहर उगल रहे हैं. इसको लेकर उनके खिलाफ देश के कई हिस्सों में मामला भी दर्ज कराया गया है.