शिलांग में दो समुदायों में संघर्ष के बाद तनाव बरक़रार, मोबाइल इंटरनेट बैन

   

शिलांग के व्यस्त लेवडूह बाजार में शनिवार (29 फरवरी) को एक प्रवासी मजदूर की चाकू मारकर हत्या कर दी गई, जिससे मेघालय में आदिवासी और गैर आदिवासी समूह के बीच संघर्ष में मरने वालों की संख्या दो हो गई है। पुलिस अधीक्षक क्लाउडिया लिंगवा ने ‘पीटीआई’ को बताया कि नगर के मध्य में चाकू से हुए हमले में सात लोग घायल हो गए और उनमें से दो लोगों की मौत हो गई।

उन्होंने कहा कि हमले में शामिल लोगों की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है। अधिकारी ने बताया कि सोहरा सिविल उपमंडल के सोहरा बाजार में भीड़ के हमले में एक प्रवासी मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गया। उन्होंने कहा कि उसे शिलांग के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने कहा कि संघर्ष में घायल लोगों की संख्या 16 तक पहुंच गई है।

भारत- बांग्लादेश सीमा के नजदीक ईस्ट खासी हिल्स जिले के इछामती इलाके में शुक्रवार (28 फरवरी) को एक रैली के दौरान खासी छात्र संघ के सदस्यों और गैर आदिवासियों के बीच संघर्ष छिड़ गया जिसमें एक आदिवासी की मौत हो गई। संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ और इनर परमिट लाइन की मांग को लेकर आयोजित रैली के दोरान संघर्ष छिड़ गया, जिससे राज्य के कई हिस्से में तनाव पैदा हो गया। इसके बाद सरकार ने शिलांग के दो थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया और छह जिलों में मोबाइल और एसएमएस सेवाओं को रोक दिया गया। दिन के समय कर्फ्यू में ढील दी गई, जबकि मोबाइल इंटरनेट पर प्रतिबंध जारी रहा।

मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा ने राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की और शांति की अपील की। मुख्यमंत्री ने कहा, ”मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं। हमने प्रभावित इलाकों में पर्याप्त सुरक्षा बल की तैनाती सुनिश्चित की है।” उन्होंने शुक्रवार (28 फरवरी) की लड़ाई में मारे गए व्यक्ति के परिवार के लिए दो लाख रुपए मुआवजे की घोषणा की। अधिकारियों ने कहा कि अधिकारी वर्तमान स्थिति को देखते हुए शिलांग में रात दस बजे से कर्फ्यू लगाने के बारे में विचार कर रहे हैं।

मेघालय के राज्यपाल तथागत रॉय ने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील की है। राज्यपाल ने एक बयान में कहा, ”मैं मेघालय में सभी नागरिकों, आदिवासियों या गैर आदिवासियों से शांत रहने की अपील करता हूं। अफवाहें नहीं फैलाएं और उन पर ध्यान नहीं दें। मुख्यमंत्री ने मुझसे बात की है। उन्होंने मुझे आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया है। अब सबसे बड़ी जरूरत कानून व्यवस्था बनाए रखना है।”