शीतकालीन सत्र न बुलाने के सरकार के फैसले पर कांग्रेस का वार

   

नई दिल्ली, 15 दिसंबर । कोविड-19 महामारी के चलते संसद का शीतकालीन सत्र नहीं बुलाने के फैसले पर कांग्रेस पार्टी ने सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने इस मामले में विपक्ष से सलाह मशविरा नहीं करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि ये केंद्र का संसदीय लोकतंत्र विरोधी कदम है।

सत्र बुलाने की मांग को लेकर हाल ही में जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने आईएएनएस से कहा, भारतीय संसद के इतिहास में इससे पहले कभी भी संसदीय लोकतंत्र को इस तरह धता नहीं बताया गया था। जब संसद की स्थायी समितियां काम कर रही हैं, संयुक्त संसदीय समितियों की हफ्ते में तीन बार बैठकें हो रही हैं, फिर सरकार महामारी की आड़ लेकर शीतकालीन सत्र से भाग क्यों रही है?

तिवारी ने कहा, देश इस समय व्यापक चुनौतियों का सामना कर रहा है, चीन अभी भी हमारी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा किए हुए है, अर्थव्यवस्था मंदी में है, किसान सड़कों पर हैं और इस बारे में कुछ पता नहीं है कि टीकाकरण का काम कैसे होगा। ऐसी स्थिति 1952 के बाद से कभी नहीं देखी गई।

एक अन्य कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, राज्यसभा में विपक्ष के नेता की राय नहीं ली गई। प्रह्लाद जोशी हमेशा की तरह सच्चाई छिपा रहे हैं।

इससे पहले संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी को लिखे अपने पत्र में साफ किया कि कोविड-19 महामारी के चलते संसद का शीतकालीन सत्र इस बार नहीं बुलाया जाएगा। हालांकि उन्होंने कहा कि जनवरी 2021 में बजट सत्र बुलाए जाने की संभावना है।

चौधरी ने 3 दिसंबर को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को अपने पत्र में, किसानों के आंदोलन, कोविड-19 वैक्सीन की तैयारी, चीनी घुसपैठ, आर्थिक मंदी और बेरोजगारी जैसे कई मुद्दों का उल्लेख करते हुए छोटा सत्र बुलाने की मांग की थी।

उसी पत्र का हवाला देते हुए, जोशी ने चौधरी को लिखा कि महामारी के प्रबंधन के लिए सर्दियों के महीने काफी महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि दिल्ली में कोरोनावायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।

जोशी ने कहा, फिलहाल हम दिसंबर के मध्य में हैं और कोविड वैक्सीन बहुत जल्द मिलने की उम्मीद है। इस संबंध में मैंने अनौपचारिक रूप से विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से संपर्क किया, जिन्होंने महामारी को लेकर चिंता जताई और शीतकालीन सत्र फिलहाल टालने का आग्रह किया।

जोशी ने कहा, सरकार जल्द से जल्द संसद का अगला सत्र शुरू करने के लिए तैयार है। कोविड-19 महामारी से निर्मित अभूतपूर्व परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए जनवरी 2021 में बजट सत्र होना उचित होगा।

मंत्री ने यह भी बताया कि कोविड-19 महामारी के कारण मानसून सत्र में देरी हुई थी। इस साल सितंबर में मानसून सत्र काफी रचनत्मक रहा था, जिसमें 27 विधेयकों को दोनों सदनों ने पारित किया था।

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