शीला दीक्षित को याद कर भावुक हुई सोनिया गाँधी, कहा- मेरे सबसे बुरे दौर में मेरे साथ खड़ी रहीं

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सोनिया गांधी ने शनिवार को यह कहते हुए शीला दीक्षित को भावभीनी श्रद्धांजलि दी कि उनके ‘सबसे बुरे दौर में वह उनके साथ खड़ी रहीं। शीला ने ही उनसे कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष का पद संभालने की अपील भी की थी।  उन्होंने कहा, ” शीलीजी के साथ मेरा जुड़ाव मेरे राजनीतिक करियर से भी लंबा है। सबसे बुरे दौर में भी वह मेरे साथ खड़ी रहीं और बाद में उन्होंने मुझसे कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभालने के लिए बार बार अपील की।

उन्होंने कहा, ”जब मैंने ऐसा किया तो उन्होंने पार्टी सहयोगी के बजाय बड़ी बहन की तरह मुझे रास्ता दिखाया। दिल्ली की तीन बार मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित की याद में हुए एक कार्यक्रम में गांधी ने कहा, ”इस साल हाल के चुनाव में वह अस्वस्थ होने के बावजूद लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए पार्टी की एक निष्ठावान कार्यकर्ता की भांति आगे आयी। शीलाजी की जिंदगी हमें सिखाता है कि सार्वजनिक व्यक्ति के लिए लोगों की असली सेवा से बढ़कर और कोई बड़ी चीज नहीं है।

उन्होंने भावुकता से कहा, ”दिल्ली और कांग्रेस शीलाजी के बगैर ऐसी नहीं होती। इस शहर ने अपनी सबसे काबिल प्रशासक खोया और पार्टी ने अपना सबसे निष्ठावान कार्यकर्ताओं में एक। लेकिन, जिन सिद्धांतों और आदर्शों के लिए वह खड़ी रहीं, हम उनका पालन कर उस रिक्तता को भरने का प्रयास कर सकते हैं। इस मौके पर माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि दीक्षित ने देश में बढ़ती नफरत और हिंसा के माहौल पर चिंता प्रकट की थी और (वह)कहती थीं कि यह भारत या किसी राजनीतिक दल के लिए अच्छा नहीं है। उन्होंने कहा, ” उनका हमेशा से मानना था कि राजनीतिक विचारधारा में मतभेद के बावजूद संवाद की संभावना हमेशा खुली रहनी चाहिए।