श्रम कानूनों को खत्म करने पर ओवैसी ने पूछा, क्या वे इंसान नहीं हैं?

   

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने 38 श्रम संबंधी कानूनों में से 35 को खत्म कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह मजदूरों के साथ अन्याय है।

एक ऑनलाइन सार्वजनिक बैठक को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा कि हमारे देश में 19 करोड़ 50 लाख मजदूर हैं। इनमें से 49 प्रतिशत कर्मचारी छोटे उद्योगों में काम करते हैं। उनके लिए कोई वित्तीय सहायता नहीं है। उत्तर प्रदेश सरकार ने 38 में से 35 श्रम संबंधी कानूनों को खत्म कर दिया है। मजदूरी भुगतान एक्ट, 1936 को खत्म कर दिया गया है।

उन्होंने कहा, मजदूरी भुगतान एक्ट, 1936 को यह कहते हुए हटा दिया गया कि को बिजनेस नहीं है। यह मजदूरों के साथ अन्याय है, क्या वे इंसान नहीं हैं? मजदूरों को तब तक नहीं हटाया जा सकता जब तक कि कोई सुनवाई नहीं की जाती है और वेतन दिया जाता रहेगा, लेकिन लॉकडाउन एक अच्छा अवसर है जहां उन्हें हटा दिया जाता है। यह सब गलत है।

कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए एहतियात के तौर पर लगाए गए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन को 31 मई तक बढ़ा दिया गया है।