श्रीलंका ब्लास्ट: सभी हमलावरों ने खुद को उड़ाकर किया हमला!

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रविवार को ईस्टर के दिन श्रीलंका के चर्चों और लक्जरी होटलों में हुए बम धमाकों को सात आत्मघाती हमलावरों ने अंजाम दिया। जांचकर्ताओं का कहना है कि हमलावरों के शरीर के अंगों से यह बात साफ हुई है कि यह एक आत्मघाती हमला था।

श्रीलंका में ईस्टर रविवार को हुए बम हमलों की जांच कर रहे फोरेंसिक क्राइम जांचकर्ता अरियानंदा वेलियंगा ने बताया कि ज्यादातर हमले उन सात में से एक हमलावर ने ही अंजाम दिए। कोलंबो के शंग्रीला होटल में भी उसी ने बम फोड़े।

पुलिस के प्रवक्ता रुवान गुनासेकरा ने बताया कि ईस्टर रविवार को आठ जगहों पर हुए बम हमलों में अब तक कम से कम 290 लोगों की जान जा चुकी है और 500 के करीब लोग जख्मी हैं। सन 2009 में श्रीलंका ने करीब तीन दशकों से चले आ रहे गृह युद्ध को खत्म करने में कामयाबी पाई थी।

करीब 70 फीसदी सिंघली लोगों के देश में अलगाववादी गुट ‘तमिल टाइगर्स’ के नेतृत्व में एथनिक तमिल अल्पसंख्यक आजादी के लिए संघर्ष कर रहे थे। तमिल आबादी में हिंदू, मुसलमान और ईसाई हैं, जबकि सिंघली लोग ज्यादातर बौद्ध होते हैं।

पुलिस की जांच में अब उन रिपोर्टों पर भी गौर किया जा रहा है जिनमें देश की गुप्तचर एजेंसियों को संभावित हमले के बारे में चेतावनी मिलने की बात कही गई है।

श्रीलंका सरकार के दो मंत्रियों ने भी इंटेलिजेंस में चूक की ओर इशारा किया है। टेलिकॉम मंत्री हरिन फर्नैंन्डो ने ट्वीट किया, “खुफिया सेवा के कुछ अधिकारियों को इस घटना की खबर थी। उन्होंने कोई कदम उठाने में देरी की।

ऐसी चेतावनी को नजरअंदाज करने के लिए उनके खिलाफ गंभीर कदम उठाना चाहिए। खुद फर्नैंन्डो को उनके पिता ने हमले की संभावना के चलते लोकप्रिय चर्चों में ना जाने की सलाह दी थी।

डी डब्ल्यू पर छपी खबर के अनुसार, राष्ट्रीय एकीकरण मंत्री मानो गणेशन ने बताया कि उनके मंत्रालय के सुरक्षा अधिकारियों को भी ऐसे दो आत्मघाती हमलावरों के बारे में चेतावनी मिली थी जो नेताओं को निशाना बना सकते हैं।

पुलिस के प्रवक्ता रुवान गुनासेकरा ने कहा कि हमलों की जांच में लगा पुलिस का आपराधिक जांच विभाग इन सब चेतावनियों की भी जांच करेगा।