श्रीलंका में हालात खराब, दंगाईयों ने मस्जिदें तोड़ीं, मुस्लिमों को चिन्हित कर बनाया निशाना

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श्रीलंका ने मंगलवार को मुस्लिम-विरोधी हिंसा के चलते रात में लगाए गए देशव्यापी कर्फ्यू को आंशिक रूप से हटा लिया है और दंगाईयों के साथ सख्ती से निपटने की चेतावनी दी है. ईस्टर रविवार को हुए सिलसिलेवार विस्फोट के तीन सप्ताह बाद ये दंगे हुए हैं. पुलिस ने कहा कि कर्फ्यू उत्तरी-पश्चिम प्रांत में अगले आदेश तक लागू रहेगा, जहां सोमवार को मुस्लिम विरोधी हिंसा भड़की थी. डेली मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, फेसबुक, व्हाट्स एप और वाइबर पर प्रतिबंध के बाद मंगलवार को ट्विटर को भी अस्थायी रूप से ब्लॉक कर दिया गया. इन सोशल मीडिया साइट पर फेक न्यूज को फैलने से रोकने और हिंसा को रोकने के लिए पाबंदी लगाई गई है. हिंसा के दौरान मस्जिदों और मुस्लिमों की दुकानों को या तो तोड़ दिया गया या जला दिया गया. इसके अलावा हिंसा में मुस्लिम व्यक्ति को जान से मार डाला गया. कई जगहों पर भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने हवा में गोली चलाई और आंसू गैस के गोले छोड़े.

अपने टेलीविजन संबोधन में पुलिस प्रमुख चंदना विक्रमरत्ने ने चेतावनी दी कि अधिकारी दंगाईयों से सख्ती के साथ निपटेंगे. प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने इससे पहले लोगों से शांत रहने की अपील की और कहा कि मौजूदा अशांति से ईस्टर विस्फोटों की जांच बाधित हो रही है. श्रीलंका में इस्लामिक आतंकवादियों द्वारा 21 अप्रैल को तीन गिरजाघरों, तीन लक्जरी होटलों और दो अन्य स्थानों पर हमले के बाद तनाव व्याप्त है. हमले में 250 से ज्यादा लोग मारे गए थे. दंगे तीन जिलों में केंद्रित हैं. उत्तरी-पश्चिमी शहर किनियामा में एक मस्जिद की खिड़कियों और दरवाजों को तोड़ दिया गया. पुलिस ने कहा, “मुस्लिम दुकानदार के एक ‘हमले की योजना’ के संबंध में फेसबुक पोस्ट के बाद एक समूह के लोगों ने चिलाव शहर पर हमला कर दिया, जिससे रविवार को अशांति फैल गई.” कई लोगों ने मस्जिदों पर पथराव किया और मुस्लिमों की दुकानों पर हमला किया.

रिपोर्टों के अनुसार, एक 38 वर्षीय मुस्लिम दुकानदार की फेसबुक पर हिसा भड़काने वाली पोस्ट करने वाले के रूप में पहचान की गई है. उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. हेट्टिपोला शहर से भी हिंसा की घटनाओं की रिपोर्ट सामने आई है, जहां कम से कम तीन दुकानों को जला दिया गया. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने कहा कि सुरक्षाबलों को हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में शांति बनाए रखने के लिए तैनात किया गया है और अधिकारी मुस्लिमों पर हमले को रोक रहे हैं. राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना के एक सलाहकार शिराल लकथिलाका ने कहा, “हम कहना चाहते हैं कि सरकार इस पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है और आज रात के बाद से इसपर पूरी तरह नियंत्रण पा लिया जाएगा.” एक मुस्लिम व्यापारी ने अपनी सुरक्षा को लेकर भय जताते हुए बीबीसी से कहा, “हम कई जगहों को देख सकते हैं जहां कर्फ्यू लागू किया गया है. सेना बंदूकों के साथ सड़कों पर है लेकिन वे हिंसा के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं.”