उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा है कि संगीत युद्ध और आतंकवाद की पीड़ाओं को दूर करने की क्षमता रखता है और एकता के संदेश प्रसारित करता है।
नायडू ने मुंबई में नेशनल सेंटर फॉर द परफॉर्मिंग आर्ट्स (एनसीपीए) के दक्षिण एशियाई सिम्फनी ऑर्केस्ट्रा के “चिराग” संगीत कार्यक्रम के अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि संगीत की भाषा सार्वभौमिक और भौगोलिक सीमाओं से परे है। संगीत लोगों को एकजुट करता है।
नायडू ने अफगानिस्तान के नन्हें बालकों को प्रशिक्षित करने के लिए डॉ. अहमद सरमस्त की सराहना की जिन्होंने सभी बाधाओं को पार करते हुए संगीत कार्यक्रम में अपनी प्रस्तुति दी। उपराष्ट्रपति ने कहा कि युवा कलाकारों ने सिद्ध कर दिया है कि उनका संगीत मानवीय भावना का सर्वोत्तम प्रतीक है और यह शांति और सद्भाव की सार्वभौमिक भाषा का प्रसार करता है।
उपराष्ट्रपति ने दक्षिण एशियाई सिम्फनी ऑर्केस्ट्रा जैसे संगठनों से शांति और अहिंसा के संदेश को फैलाने का आह्वान किया ताकि बुद्धि रहित हिंसा जैसे मार्ग पर चलने वाले गुमराह व्यक्तियों के मन से द्वेष रूपी विकारों को दूर किया जा सके।
नायडू ने कहा कि चिराग द्वारा आयोजित कार्यक्रम भारत और सभी देशों के बीच सहयोग और सह-अस्तित्व के प्रति लोगों की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करते हैं।
उपराष्ट्रपति ने आशा व्यक्त की कि इस ऑर्केस्ट्रा के सदस्य और संगीतकार एक नवीन और पुनरुत्थानवादी दक्षिण एशिया के राजदूत बनें। उपराष्ट्रपति ने उनसे प्राचीन सभ्यता के सार जैसे-शांति, करुणा और सह-अस्तित्व पुन: जगाने और क्षेत्रीय एकता के लिए समान सांस्कृतिक समन्वय बनाने का आह्वान किया।
सेवानिवृत्त वरिष्ठ सिविल अधिकारी, श्रीमती निरुपमा और श्री सुधाकर राव द्वारा दक्षिण एशियाई सिम्फनी फाउंडेशन की स्थापना की गई थी। इसका उद्देश्य संगीत के दिव्य माध्यम से दक्षिण एशियाई क्षेत्र के लोगों को एकजुट करने हेतु एक अद्वितीय परियोजना- अर्थात एक सिम्फनी ऑर्केस्ट्रा तैयार करना रहा है।
नायडू ने कहा कि संगीत एक शक्तिशाली कला के रूप में हमारे जीवन की गुणवत्ता को बदल सकता है। उन्होंने दक्षिण एशियाई सिम्फनी फाउंडेशन को इस क्षेत्र से स्वदेशी संगीत के प्रदर्शनों का निर्माण करने और दुनिया भर में शांति और भाईचारे के सार्वभौमिक संदेश प्रसारित करने को कहा।
उपराष्ट्रपति और उपस्थित गणमान्यजनों ने हाल ही में श्रीलंका के कोलंबो में हुए नृशंस आतंकी हमले में जान गंवाने वालों की याद में मौन धारण कर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि भी अर्पित की।
इस अवसर पर, महाराष्ट्र के राज्यपाल, श्री सी. विद्यासागर राव, अफगानिस्तान, श्रीलंका, नेपाल, भारत और अन्य देशों से 70 से ज्यादा संगीतकार, ऑर्केस्ट्रा संचालक श्री विश्व सुब्बारमण, चिराग के संस्थापक, श्रीमती निरुपमा और श्री सुधाकर राव के अलावा प्रख्यात संगीतकार एवं मुम्बई से संगीत कला प्रेमी उपस्थित थे।