सिंघु बॉर्डर, 10 मार्च । कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन को 105 दिन होने पर आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए रूप रेखा तय की गई है। जिसके तहत 15 मार्च से 28 मार्च तक सरकार पर दबाब बनाने के लिए एक खाका तैयार किया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने 26 मार्च को आंदोलन के 4 महीने पूरे होने पर भारत बंद का आह्वान किया है। दूसरी ओर 17 मार्च को मजदूर संगठनों व अन्य जान अधिकार संगठनों के साथ 26 मार्च के प्रस्तावित भारत बंद को सफल बनाने के लिए एक कन्वेंशन किया जाएगा।
संयुक्त किसान मोर्चा के अनुसार, 15 मार्च को कॉरपोरेट विरोधी दिवस व सरकार विरोधी दिवस मनाया जाएगा, जिसमे डीजल, पेट्रोल, रसोई गैस व अन्य आवश्यक वस्तुओं के बढ़ रहे दामों के खिलाफ डीएम और एसडीएम को ज्ञापन देकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
वहीं इसी दिन देशभर के रेलवे स्टेशनों पर मजदूर संगठनों के साथ निजीकरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। 19 मार्च को मुजारा लहर का दिन मनाया जाएगा और एफसीआई और खेती बचाओ कार्यक्रम के तहत देशभर की मंडियों में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
23 मार्च को शहीद भगत सिंह के शहीदी दिवस पर देशभर के नौजवान दिल्ली बोर्डर्स पर किसानों के धरनों पर शामिल होंगे। 28 मार्च को देशभर में होली दहन में किसान कानून जलाए जाएंगे।
दरअसल तीन नए अधिनियमित खेत कानूनों के खिलाफ किसान पिछले साल 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
–आईएएनएस
एमएसके/एएनएम