सऊदी अरब और ईरान की दुश्मनी ने मुस्लिम देशों को सबसे बड़ा नुकसान पहुंचाया!

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अरब संघ के पूर्व महासचिव ने कहा है कि अरब देशों को ईरान से दुश्मनी के चक्कर में अपने अस्ली दुश्मन इस्राईल को नहीं भूलना चाहिए। अम्र मूसा ने जाॅर्डन के समाचारपत्र अलग़द से बात करते हुए कहा कि अगर अरब देश ईरान से शत्रुता के कारण इस्राईल की दुश्मनी को भूल जाते हैं और अरबों की प्राथमिकता से फ़िलिस्तीन समस्या को बाहर निकाल देते हैं तो यह बहुत बड़ी राजनैतिक ग़लती होगी।

पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, मिस्र के इस वरिष्ठ कूटनयिक ने कहा कि अरब देशों को, सीरिया के मामले में ईरान व तुर्की के रवैये के कारण तेहरान व अन्कारा का आभारी रहना चाहिए क्योंकि इसके चलते अरब देशों को अपने बिखराव और मतभेदों पर एक बार फिर पुनर्विचार का अवसर मिला।

उन्होंने कहा कि अब अरबों को पुनः एकजुट होना चाहिए और सीरिया के भविष्य के बारे में मिल कर कोई निर्णय करना चाहिए। अरब संघ के पूर्व महासचिव ने इस संघ में सीरिया की सदस्यता की बहाली के बारे में कहा कि हम चाहते हैं कि एक प्रमुख अरब देश के रूप में सीरिया पुनः अरब संघ में लौट आए।

ज्ञात रहे कि अरब संघ ने वर्ष 2011 में सीरिया की सदस्यता को निलंबित कर दिया था। अम्र मूसा ने कहा कि यद्यपि अरब संघ में सीरिया की वापसी के बारे में कुछ मतभेद पाए जाते हैं लेकिन मेरा मानना है कि इस संघ में सीरिया की सदस्यता बहाल की जानी चाहिए।