सऊदी अरब में कितने आजाद और सुरक्षित हैं अल्पसंख्यक?

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अमरीका के सबसे घनिष्ट सहयोगियों में होने के बावजूद, अमरीकी विदेश मंत्रालय ने सऊदी अरब को दुनिया में मानवाधिकारों का सबसे बड़ा उल्लंघनकर्ता बताया है।

पार्स टुडे डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, सोमवार को अमरीकी कमीशन ने अंतरराष्ट्रीय धार्मिक आज़ादी पर 2019 की अपनी रिपोर्ट जारी की, जिसमें सऊदी अरब को धार्मिक आज़ादी का उल्लंघन करने वाले देशों की सूची में सबसे पहले नम्बर पर क़रार दिया है। इस वार्षिक रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि सऊदी अरब में शिया मुसलमानों और ईसाईयों के साथ किस हद तक भेदभाव किया जाता है।

रिपोर्ट के 234वें पन्ने पर लिखा है, सऊदी अरब में शिया मुसलमानों को शिक्षा, रोज़गार और न्यायपालिका में लगातार भेदभाव का सामना है, इसी तरह सरकारी पदों और सेना में उन्हें नौकरी नहीं दी जाती है।

ग़ौरतलब है कि एक अनुमान के मुताबिक़, शिया मुसलमान सऊदी अरब की कुल जनसंख्या का 20 प्रतिशत हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि क़ानूनी रूप से सऊदी अरब में ग़ैर वहाबी मुसलमानों विशेषकर शिया मुसलमानों और ग़ैर मुस्लिमों को सार्वजनिक रूप से अपने धर्म का पालन करने या धार्मिक विश्वासों का प्रचार करने की अनुमति नहीं है।

हाल ही में सऊदी अरब में एक साथ 37 लोगों के सिर क़लम कर दिए गए, जिनमें से 34 शिया मुसलमान थे। गिरफ़्तारी के समय इनमें से कुछ तो नाबालिग़ थे और एक छोटा लड़का भी था जो अमरीका में उच्च शिक्षा प्राप्त करने का सपना देखता था।

इनमें से अधिकांश लोगों का जुर्म सिर्फ़ इतना था कि उन्होंने 2011 में सरकार विरोधी शांतिपूर्ण प्रदर्शनों में भाग लिया था और कुछ अन्य ने शिया इस्लाम का प्रचार किया था।

सऊदी अरब द्वारा इतने बड़े पैमाने पर मानवाधिकारों के उल्लंघन और अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव के बावजूद, ट्रम्प प्रशासन न केवल इस देश के ख़िलाफ़ कोई क़दम उठाना चाहता है, बल्कि यमन युद्ध में उसका बढ़चढ़कर समर्थन कर रहा है और अरबों डॉलर के उसे हथियार बेच रहा है।

अमरीकी कांग्रेस द्वारा यमन युद्ध में सऊदी अरब का समर्थन बंद करने पर आधारित बिल पारित करने के बावजूद, राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने इस बिल को वीटो कर दिया।

हालांकि ट्रम्प आले सऊद प्रशासन का अपमान करने से भी नहीं चूकते हैं और सार्वजनिक रूप से किंग सलमान और सऊदी अधिकारियों का मज़ाक़ बनाते हैं। हाल ही में ट्रम्प ने किंग सलमान का अपमान करते हुए कहा था कि सऊदी अरब के पास पैसे के अलावा कुछ नहीं है।

इससे पहले भी कई बार अमरीकी राष्ट्रपति ट्रम्प और दूसरे अधिकारी सऊदी अरब को दुधारू गाय बताकर इस अरब देश का अपमान कर चुके हैं। हालांकि सऊदी अधिकारियों ने अमरीकी अधिकारियों के इस अपमानजनक रवैये पर हमेशा ही चुप्पी साधे रखी है और कभी कोई कड़ी प्रतिक्रिया नहीं जताई है।