सत्ता पाने के लिए कब तक राम का सहारा लेगी बीजेपी?

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भारत में चुनाव के निकट आते ही राम मंदिर निर्माण का मुद्दा पूरे ज़ोर से उठाया जाने लगा है और एक बार फिर राम नाम पर सत्ता सुख भोगने के प्रयास आरंभ हो गया। कुछ दिनों पहले शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने भी कहा था कि मंदिर एक दिन में नहीं बनेगा, लेकिन जब निर्माण आरंभ होगा तभी बनेगा। इसलिए 21 फ़रवरी को शिलान्यास द्वारा मंदिर का निर्माण शुरू होगा।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी बयान दिया था कि मंदिर निर्माण पर 24 घंटे के भीतर फैसला लिया जा सकता। अब आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि एक कार सेवा से राम मंदिर निर्माण नहीं होगा अगर दम है तो कारसेवा करो और अगर दम नहीं है तो सम्मानजनक तरीके से वापस चले जाएं।

पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, संघ प्रमुख ने लोगों को ललकारते हुए आगे कहा कि जनता में प्रार्थना, आवेश और जरूरत पड़ी तो आक्रोश भी जगाया जाना चाहिए।

धर्म संसद में मोहन भागवत के भाषण के दौरान लोगों ने तारीख बताइए भागवतजी के नारे लगाए और फिर इसके बाद आयोजकों और आम जनता के बीच हाथापाई हुई। विपक्षी दल, राम मंदिर निर्माण पर भाजपा और उसके सहयोगी संगठनों के बयानों और घोषणाओं को चुनावी पैंतराबाज़ी बता रहे हैं।