सप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के कामकाज में अधिक पारदर्शिता की ज़रूरत- लोक गठबंधन पार्टी

   

नयी दिल्ली: लोक गठबंधन पार्टी (एलजीपी) ने शीर्ष अदालत में दो नए न्यायाधीशों को नियुक्त करने के उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम के फैसले पर मौजूदा विवाद पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए अधिक सुधारात्मक उपायों की आवश्यकता है। एलजीपी ने कहा कि नए न्यायाधीशों की नियुक्ति के बारे में अनिश्चित स्थिति न्यायपालिका और जीवंत लोकतंत्र के हित में नहीं है।

पार्टी के प्रवक्ता ने शुक्रवार को यहां कहा कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए शीर्ष अदालत को खुद कोलेजियम प्रणाली में सुधार शुरू करना चाहिए ताकि कोई भी उसकी चयन प्रक्रिया पर आपत्ति न उठा सके। प्रवक्ता ने कहा कि कॉलेजियम के 12 दिसंबर के फैसले से अलग हट कर 5-6 जनवरी को लिए गए फैसले और दो नए जजों की नियुक्ति की आलोचना की गई थी, यह स्वस्थ स्थिति नहीं है।

प्रवक्ता ने कहा कि न्यायालयों के कामकाज में पारदर्शिता महत्वपूर्ण बिंदु है क्योंकि निष्पक्ष न्याय वितरण प्रणाली में न केवल न्याय किया जाना चाहिए बल्कि ऐसा होता दिखना भी चाहिए। इस मुद्दे को जल्दी सुलझाने पर जोर देते हुए, प्रवक्ता ने कहा कि कॉलेजियम के कामकाज के बारे में आरोप काफी परेशान करने वाले हैं और इस लिए इसका तत्काल समाधान करने की आवश्यकता है।

प्रवक्ता ने कहा कि सीजेआई को सुधार प्रक्रिया का नेतृत्व करना चाहिए और इस तरह के संवेदनशील मुद्दे को सार्वजनिक क्षेत्र में लंबे समय तक नहीं रहना चाहिए। प्रवक्ता ने कहा कि यह देश की सबसे सम्मानित संस्था से जुड़ा मुद्दा है- जिसमें भारतीयों का जबरदस्त भरोसा है, इसलिए न्यायिक प्रणाली के लिए यह अच्छा होगा कि वह इस मुद्दे के निपटारे के लिए पहल करे।

प्रवक्ता ने कहा कि इस मुद्दे ने न्यायाधीशों की पारदर्शी नियुक्ति पर शीर्ष अदालत और केंद्र सरकार दोनों को एक अवसर प्रदान किया है। प्रवक्ता ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के चार वरिष्ठ न्यायाधीशों ने जनवरी 2018 में एक संवाददाता सम्मेलन में कुछ मुद्दों को उठाया था,जो शीर्ष अदालत के कामकाज से जुड़े मामले को उजागर करता है। इस प्रकार यह समस्याओं को देखने और इसे हमेशा के लिए निपटाने का समय है।