सबरीमाला- मुस्लिम महिला कैमरामैन पर हमला, आंसूओं के साथ निभाती रही फ़र्ज़, फोटो वायरल

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मैं हैरान थी, जब पीछे से किसी ने मेरी पीठ पर एक लात मारी. ये मेरे प्रोफेशनल करियर का सबसे बुरा अनुभव था.’ ये शब्द शजिला अब्दुल रहमान के हैं. शजिला कैमरापर्सन हैं. बीते 2 जनवरी को सबरीमाला मंदिर में प्रवेश के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन को कवर कर रही थीं. इस दौरान उन पर हमले हुए और उनकी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर जमकर शेयर की जाने लगी. तस्वीर में शजिला अपने आंसूओं को रोकने की कोशिश कर रही हैं.

केरल के अखबार मातृभूमि में छपी इस तस्वीर को सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा है. केरल की ही कैराली टीवी की ओर से शाजिला को विरोध प्रदर्शन कवर करने के लिए तिरुअनंतपुरम भेजा गया था.

यहां मंदिर में महिलाओं के घुसने को लेकर कुछ लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. हाथ में बीजेपी का झंडा लिए कुछ लोगों ने महिलाओं और उनका समर्थन कर रहे लोगों पर हमला कर दिया. शाजिला इस पूरे घटनाक्रम को अपने वीडियो कैमरे में शूट कर रही थीं. इस दौरान उन पर भी हमले हुए, उन्हें धमकाया गया, गाली दी गई, लेकिन ऐसी विपरित परिस्थितियों के बीच भी वह कैमरा लेकर डटी रहीं.

मुझे बीजेपी से डर नहीं लगता, इन विरोधों का कवरेज करती रहूंगी

शाजिला का कहना है कि मेरे कंधों पर कैमरा था, मेरी आंखें सामने की तरफ टिकी थीं. मुझे पता नहीं चला कि किसने मुझपर हमला किया, पर दर्द का एहसास हो रहा था. मैं इस असहनीय दर्द से गुजर रही थी कि इस बीच उन्होंने मेरा कैमरा छिनना चाहा. पर मैंने अपनी पूरी ताकत लगाकर उसे बचाए रखा. ऐसा करने में मेरी गर्दन का किनारा घायल हो गया, लेकिन मुझे बीजेपी से डर नहीं लगता. मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ हो रहे इन विरोधों का कवरेज करती रहूंगी.

फिलहाल शाजिला का इलाज तिरुअंतपुरम के अस्पताल में चल रहा है. बीते 2 जनवरी को केरल के सबरीमाला मंदिर में 50 साल से कम उम्र की दो महिलाएं सुबह के करीब चार बजे मंदिर के गर्भगृह तक पहुंच गईं और भगवान अयप्पा के दर्शन किए. इसके बाद पूरे देश में हंगामा हो गया. इसका सबसे ज्यादा असर केरल में देखने को मिला, जहां जगह-जगह पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गएं. सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अनदेखी करते हुए मंदिर का शुद्धिकरण भी किया गया. बीजेपी और आरएसएस का झंडा लिए लोग विरोध प्रदर्शन करने लगे. ये प्रदर्शन अब भी जारी है.