समझौता विस्फोट मामले में मुख्य आरोपी को बरी कर दिया गया है। पंचकुला में एनआईए की विशेष अदालत ने समझौता एक्सप्रेस ट्रेन धमाका मामले में असीमानंद और तीन अन्य आरोपियों को बरी कर दिया। इस फैसले पर निराशा जताते हुए AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल उठाया है।
उन्होंने कहा, ’68 की मौत हुई और कोई जिम्मेदारी नहीं, कहने के लिए कुछ भी नहीं कि न्याय किया गया है।’ उन्होंने इसके पीछे जानबूझकर घटिया मुकदमा चलाने की बात कही।
68 dead and nothing to account for them, nothing to say that justice has been done.
How long is one going to hear of acquittals because of deliberately shoddy prosecutions? https://t.co/nqMCw1PtqH
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) March 20, 2019
एनआईए के वकील आरके हांडा ने कहा, ‘एनआईए की विशेष अदालत ने निष्कर्ष निकाला है कि जांच एजेंसी साजिश के आरोप को साबित करने में विफल रही है और फैसला सुनाया कि आरोपी संदेह का लाभ लेने के लायक है।’
18 फरवरी को 2007 को समझौता एक्सप्रेस में हुए विस्फोट में 68 लोग मारे गए थे। पानीपत के पास ये धमाका हुआ। धमाके में 68 की मौत 12 घायल हुए। अन्य डिब्बों में जिंदा बम के साथ दो और सूटकेस मिले। जांच में पता चला, ये इंदौर के अभिनंदन सूटकेस स्टोर से खरीदे गए थे। संदिग्धों ने उन्हें धमाके से चार दिन पहले खरीदा था।
एनआईए ने कहा, आरोपी अक्षरधाम (24/09/2002), रघुनाथ मंदिर (3/03/2002) और संकटमोचन मंदिर हमलों (07/03/2006) का बदला लेना चाहते थे। मृतकों में ज्यादातर पाकिस्तानी थे। समझौता एक्सप्रेस भारत और पाकिस्तान के बीच चलने वाली ट्रेन है। यह ट्रेन दिल्ली से अटारी, पाकिस्तान जा रही थी, विस्फोट हरियाणा के पानीपत जिले में चांदनी बाग पुलिस स्टेशन के अंतर्गत शिवा गांव के नजदीक हुए। बाद मे बचे हुए 8 डब्बो के साथ ट्रेन को पाकिस्तान के लाहौर शहर की ओर रवाना कर दिया गया।