समलैंगिकता के खिलाफ़ इस मुस्लिम देश में होगी शरिया कानून के तहत सुनवाई, दी जायेगी मौत की सजा!

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राजशाही वाले देश ब्रुनेई में समलैंगिक सेक्स और व्यभिचार के लिए पत्थर मार कर मौत की सजा दी जाएगी। देश में तीन अप्रैल से इन मामलों में शरिया कानून के तहत सजा दी जाएगी। कड़ी आलोचना के कारण दक्षिण पूर्वी एशिया के देश ब्रुनेई ने समलैंगिक सेक्स और व्यभिचार के मामलों में शरिया कानून लागू नहीं किया था।

इस मुद्दे को चार साल तक ठंडे बस्ते में रखा गया. लेकिन अब ब्रुनेई ने समलैंगिक सेक्स और व्यभिचार के मामलों में पत्थर मार कर मौत की सजा देने को मंजूरी दे दी है।

ऐसी सजा 3 अप्रैल 2019 से लागू हो जाएगी. संसाधनों से समृद्ध ब्रुनेई मुस्लिम बहुल देश है। ब्रुनेई अपने पड़ोसियों मलेशिया और इंडोनेशिया के मुकाबले ज्यादा सख्त तरीके से इस्लाम का पालन करता है।

ब्रुनेई में समलैंगिकता पहले ही अपराध की श्रेणी में आती है, लेकिन अभी तक इसके लिए सबसे कड़ी सजा का प्रावधान नहीं था। यह कानून सिर्फ मुसलमानों पर ही लागू होता है।

सुल्तान ने अगले बुधवार से नई और कड़ी दंड संहिता लागू करने का एलान भी किया है। अब चोरी के अपराध के लिए हाथ और पैर काटने की सजा भी तय कर दी गई है।

पहली बार चोरी करने पर दाहिना हाथ काटने की सजा है और दूसरी बार यह अपराध करने के दोषी को बायां पैर काटने की सजा तय की गई है।

मानवाधिकार संगठनों ने ब्रुनेई के इस ताजा फैसले की कड़ी आलोचना की है। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने ब्रुनेई से नए कानून को अमल में तुरंत प्रभाव से न लाने की अपील की है।

संगठन की ब्रुनेई रिसर्चर राहेल शोहोआ-होवार्ड ने कहा, “ऐसी क्रूर और अमानवीय सजाओं को कानूनी बनाना अपने आप में भयावह है।

कुछ संभावित ‘अपराधों’ को तो किसी भी तरह अपराध माना ही नहीं जा सकता है, इसमें एक ही लिंग के दो वयस्कों के बीच सहमति से होने वाला सेक्स भी शामिल है।

ब्रुनेई के अटॉर्नी जनरल्स चैंबर्स ने नई सजाओं के संबंध में 29 दिसंबर 2018 को ही नोटिस जारी कर दिया था। नोटिस में कहा गया था कि नई दंड संहिता 3 अप्रैल 2019 से लागू होगी।

ह्यूमन राइट्स वॉच के फिल रॉबर्टसन ने चेतावनी देते हुए कहा है कि सजाओं से जुड़ा नया कानून विदेशी निवेशकों, सैलानियों और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों को देश छोड़ने पर मजबूर करने लगेगा।

रॉबर्टसन के मुताबिक, “अगर गलत इरादों वाला यह प्लान आगे बढ़ा तो इस बात की काफी संभावना है कि ब्रुनेई के वैश्विक बहिष्कार का आंदोलन फिर शुरू हो जाएगा।

साभार- डी डब्ल्यू हिन्दी