समुद्र के बढ़ते स्तर ने बांग्लादेश की चिंता बढ़ाई!

   

समुद्र के बढ़ते स्तर से परेशान बांग्लादेश ने एक उपाय खोजा है. बांग्लादेश के वन विभाग ने उन लोगों के बीच बंजर जमीन बांटनी शुरू की है जो बाढ़ों के कारण तटों से हट के द्वीप के अंदर आने के लिए मजबूर हैं.

फिरदौसी अख्तर के परिवार को नदी का किनारा ढहने के कारण अपना घर छोड़कर द्वीप के दुसरे हिस्से में जाकर बसना पड़ा. इसकी वजह से पूरा परिवार बहुत ज्यादा परेशानी झेल रहा है. उनके पति मछली पकड़ने वाली नाव पर काम करते थे मगर इतने पैसे नहीं कमाते थे कि परिवार का खर्च चल पाए.

पिछले साल अख्तर जैसे 45 परिवारों को बांग्लादेश वन विभाग ने हटिया द्वीप पर दस साल के लिए लीज पर जमीन दी है. अख्तर बताती हैं, “हमको जमीन का एक टुकड़ा और एक तालाब दिया गया है.

अब हम खेतों में सब्जी उगाते हैं और तालाब में मछली पालते हैं. इससे हमको फायदा हो रहा है.” अख्तर के परिवार ने अभी तक 10 हजार टाका की मछली बेची है और उनको उम्मीद हैं कि अगले महीने तक वे एक लाख टाका तक कमा लेंगे.

जलवायु परिवर्तन की वजह से तटीय इलाकों में रहने वाले बांग्लादेशी परिवारों को अपना घरबार छोड़ना पड़ रहा है इसलिए वन विभाग ने ऐसे परिवारों को नदी द्वारा लाई गई मिट्टी से बनी जमीन देना शुरू किया है. गरीब परिवार इस जमीन को दस साल बिना कोई भी किराया दिए इस्तेमाल कर सकते हैं, मगर वे इस जमीन पर रह नहीं सकते क्योंकि ये सुरक्षित इलाके से बाहर है.

इस योजना को दो साल पहले बांग्लादेशी सरकार और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) ने मिल के शुरू किया था. इस कार्यक्रम में हटिया और भोला जिले के कुछ द्वीप भी आते हैं. अभी हटिया उप जिले की 22 एकड़ जमीन 45 परिवारों में बांटी गई है.

इसके साथ उनको एक तालाब भी दिया गया है जिसमें वो मछली पाल सकते हैं. इन परिवारों को टिम्बर और फलों के बीज भी दिए गए हैं. परिवारों को बतख पालना और सब्जी उगाना भी सिखाया गया है ताकि वे और पैसे कमा सकें.

यूएनडीपी के सामुदायिक विकास अधिकारी मिजानुर रहमान भुइयां का कहना है कि कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए कई लोग आगे आ रहे हैं. वन अधिकारियों ने बताया कि अगले चरण में 100 परिवारों को 20 हेक्टेयर जमीन और तलाब देने की योजना है. इससे 5 लाख लोगों को मदद मिलेगी और आगे चलकर इस कार्यक्रम को बढ़ाया जा सकता है. वन विभाग को ये भी उम्मीद है कि जमीन देने की मियाद को दस साल से बढ़ाया जा सकता है.

प्रभागीय वनाधिकारी इस्लाम तौहिदुल ने बताया कि “बहुत सारी बंजर जमीन वन विभाग के नियंत्रण में आती है. इस जमीन को गरीब परिवारों को देने का ये फायदा है कि जमीन ताकतवर नेताओं और जमींदारों से बच जाएगी और इन परिवारों की गरीबी को दूर करने में मदद करेगी. ताकतवर नेता और जमींदार इस जमीन को अपने फायदे के लिए कब्जा करना चाहते हैं.”

साभार- ‘डी डब्ल्यू हिन्दी’