सयानी गुप्ता और उनकी फिल्मों को अस्वीकार करने की कला!

   

नई दिल्ली: अभिनेत्री सयानी गुप्ता यह मानती हैं कि बड़े बजट की हिंदी फिल्में और नए जमाने के स्वतंत्र फिल्मों के बीच उनका सहज संतुलन उन्हें आश्चर्यचकित करती है।

अभिनेत्री सयानी गुप्ता इस बात पर जोर देती है कि जब किसी फिल्म को साइन करने की बात आती है तो वह इस पर गंभीरता से सोच-विचार करने के बाद ही फैसला लेती हैं।

“सच कहूं, तो मैं ज्यादातर फिल्मों के लिए ना कहती हूं। मेरे लिए, यह महत्वपूर्ण है कि कहानी और उसकी राजनीति प्रासंगिक हो।”

सयानी इससे पहले ‘मार्गरीटा विद अ स्ट्रॉ’ (2012), ‘पाच्र्ड’ (2015), ‘फैन’ (2016), ‘द हंग्री’ (2017), ‘जॉली एल एल बी 2’ (2017) जैसी फिल्मों में काम कर चुकी हैं और इनके अलावा वह ओटीटी सीरीज में भी काम कर चुकी हैं जिनमें ‘इंसाइड एज’ (2017), ‘फोर मोर शॉट्स प्लीज’ (2019) और ‘पोशम पा’ (2019) शामिल है।

उनकी आने वाली फिल्म ‘एक्सोन’ रिलीज होने के लिए बिल्कुल तैयार है, यह फिल्म दिल्ली में चार प्रवासियों पर आधारित है। बीएफआई लंदन फिल्म फेस्टिवल में 2 अक्टूबर को यह फिल्म दिखाई गई थी और आने वाले समय में मामी मुंबई फिल्म फेस्टिवल में भी इसका प्रीमियर होगा।

सयानी ने आगे कहा, “इन निर्देशकों में यह मासूमियत, ईमानदारी और जुनून का एक अनोखा कॉकटेल है, जो कुछ कहना चाहते हैं और व्यक्तिगत तौर पर जुनून एक ऐसी चीज है जिसने मुझे हमेशा से प्रेरित किया है। वे महिलाओं के लिए भावपूर्ण किरदारों की पेशकश कर रहे हैं और सच कहूं तो मैं उन फिल्मों में काम नहीं करना चाहती, जहां मैं महज एक प्रिटी प्रॉप होऊं।”